नए आईएसएल नियम: प्रत्येक क्लब के लिए भारतीय सहायक कोच रखना अनिवार्य

नए आईएसएल नियम: प्रत्येक क्लब के लिए भारतीय सहायक कोच रखना अनिवार्य

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  • Publish Date - September 4, 2024 / 09:29 PM IST,
    Updated On - September 4, 2024 / 09:29 PM IST

कोलकाता, चार सितंबर (भाषा) इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने 13 सितंबर से शुरू होने वाले अपने 11वें सत्र से पहले बुधवार को सभी क्लबों के लिए अनिवार्य भारतीय सहायक कोच, कनकशन (सिर पर चोट लगने से बेहोश जैसी स्थिति) सब्सटीट्यूट की अनुमति और ‘गलत’ लाल कार्ड के फैसलों के खिलाफ अपील जैसे कुछ नए नियम लागू किए।

नए नियमों के अनुसार, ‘‘सभी टीमों के पास एक भारतीय सहायक कोच होना चाहिए जिसके पास एएफसी प्रो लाइसेंस (या इसके बराबर) हो।’’

नए नियम में कहा गया है, ‘‘यदि मुख्य कोच को उसके पद से मुक्त कर दिया जाता है या कुछ मैचों के लिए निलंबित कर दिया जाता है, तो भारतीय सहायक कोच अंतरिम मुख्य कोच के रूप में मुख्य कोच के सभी कर्तव्यों को संभालेगा।’’

एफसी गोवा इस संबंध में एक आदर्श उदाहरण होगा जहां गौरमांगी सिंह कोचिंग की भूमिका संभालेंगे भारत के मौजूदा वर्तमान कोच मेनोलो मारक्वेज उपलब्ध नहीं होंगे।

यदि कोई खिलाड़ी या क्लब यह मानता है कि रैफरी की स्पष्ट गलती के कारण खिलाड़ी को गलत तरीके से बाहर भेजा गया है तो वह बर्खास्तगी का विरोध भी कर सकता है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा ऐसा प्रावधान पेश किया गया है और आईएसएल 2024-25 के लिए लीग नियमों में शामिल किया गया है।

लेकिन यदि बर्खास्तगी दूसरी चेतावनी प्राप्त करने या आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने के कारण हुई है, तो ऐसा आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा और शुल्क जब्त कर लिया जाएगा।

अपील दायर करने के लिए खिलाड़ी/क्लब को मैच समाप्त होने के दो घंटे के भीतर मैच आयुक्त को सूचित करना होगा और 24 घंटे के भीतर एआईएफएफ को शुल्क और साक्ष्य लिखित रूप में प्रस्तुत करना होगा।

इसके बाद एआईएफएफ रैफरी विभाग से एक तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त करेगा।

एआईएफएफ अनुशासन समिति किसी भी स्वत: निलंबन की शुरुआत से पहले अपील की समीक्षा करेगी।

यदि दावा स्वीकार कर लिया जाता है तो निलंबन वापस ले लिया जाएगा और शुल्क वापस कर दिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त प्रत्येक क्लब अन्य सब्सटीट्यूटों के अलावा प्रति मैच एक कनकशन सब्सटीट्यूट कर सकता है।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता