नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने सचिन तेंदुलकर से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को शेयर किया है। शोएब ने साल वर्ष 2007 में पाकिस्तान की भारत यात्रा के दौरान की घटना के बारे में बताया है। दौरे के दौरान एक पुरस्कार समारोह में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज ने तेंदुलकर को उठाने की कोशिश की, लेकिन फिर उन्हें छोड़ दिया।
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भारत के इस दौरे को याद करते हुए शोएब अख्तर ने घटना के कुछ दिलचस्प हिस्सों पर जोर दिया। उन्होंने माना कि जब सचिन तेंदुलकर उनके हाथों से फिसले तो उन्हें डर था कि बल्लेबाज को चोट लग सकती है। उन्होंने कहा कि अगर तेजतर्रार बल्लेबाज चोटिल होता तो भारतीय उन्हें फिर कभी देश में प्रवेश नहीं करने देते।
शोएब अख्तर ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत में कहा, ”हमेशा की तरह मैं कुछ अलग करना चाहता था। इसलिए मैंने सचिन तेंदुलकर को उठाने की कोशिश की, सिर्फ मजे के लिए। मैं उसे उठाने में कामयाब रहा, लेकिन फिर वह मेरे हाथ से फिसल गए। तेंदुलकर गिर गए, इतनी बुरी तरह से नहीं, लेकिन मैंने मन ही मन सोचा कि ‘मैं गया काम से’। मुझे डर था कि अगर सचिन तेंदुलकर अनफिट या चोटिल हो गए तो मुझे कभी भारतीय वीजा नहीं मिलेगा। भारतीय मुझे कभी भी देश वापस नहीं आने देंगे या मुझे जिंदा जला देंगे।”
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उन्होंने आगे कहा, ”फिर मैंने जाकर तेंदुलकर को गले लगाया और उनसे पूछा कि क्या वह ठीक हैं। शुक्र है, उन्होंने कहा कि वह ठीक थे। फिर मैंने उनसे कहा कि अगर कुछ हुआ होता, तो यह मेरे लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता था। खासकर मीडिया और भारत के सभी प्रशंसकों के लिए। तेंदुलकर ने बाद में सीरीज में हमें पछाड़ दिया। उस समय, मैं चाहता था कि वह अनफिट (मजाक में) होते।”
भारत-पाकिस्तान के मैच हमेशा बहुप्रतीक्षित मुकाबले होते हैं। जब कट्टर-प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे के साथ खेलते हैं तो पूरी क्रिकेट बिरादरी इस मुकाबले को देखने के लिए उत्सुक होती है। शोएब अख्तर ने कहा कि हालांकि मैदान पर प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी मैदान के बाहर अच्छे दोस्त थे। उन्होंने आगे इस घटना के बारे में कहा, ”जब वह नीचे गिरे तो मुझे सच में लगा कि मेरा जीवन खत्म हो गया है। मुझे याद है कि वहां हरभजन सिंह और युवराज सिंह भी थे और वे मुझसे कह रहे थे, ‘तुम क्या कर रहे हो यार?’ और मैंने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि मैं खुद नहीं जानता, यह बस हो गया।”