इस महीने के अंत में सत्र से इतर ट्रेनिंग के लिए दक्षिण अफ्रीका जायेंगे नीरज चोपड़ा

इस महीने के अंत में सत्र से इतर ट्रेनिंग के लिए दक्षिण अफ्रीका जायेंगे नीरज चोपड़ा

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  • Publish Date - November 8, 2024 / 04:30 PM IST,
    Updated On - November 8, 2024 / 04:30 PM IST

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा अगले साल होने वाली प्रतियोगिताओं की शुरुआती तैयारी शुरू करने की मुहिम में सत्र के इतर ट्रेनिंग के लिए इस महीने के अंत में दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफस्ट्रूम जायेंगे।

ओलंपिक में दो बार के पदक विजेता 26 वर्षीय नीरज अंतिम बार सितंबर में डायमंड लीग फाइनल में खेले थे। वह दक्षिण अफ्रीका के इस शहर में ट्रेनिंग के लिए 31 दिन रहेंगे।

चोपड़ा की ट्रेनिंग का खर्चा खेल मंत्रालय उठाएगा।

मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘वह अपनी ट्रेनिंग जल्दी शुरू करेंगे और 31 दिन के लिए पोटचेफस्ट्रूम में रहेंगे। ’’

इसके अनुसार, ‘‘नीरज की ट्रेनिंग का खर्च खेल मंत्रालय उठाएगा जिसमें उनके और उनके फिजियोथेरेपिस्ट के दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान रहने, खाने-पीने और ट्रेनिंग का खर्च शामिल होगा। ’’

चोपड़ा ने पहले भी तोक्यो और पेरिस ओलंपिक से पहले कई बार पोटचेफस्ट्रूम में ट्रेनिंग की है।

उन्होंने जनवरी 2020 में भी वहां एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था जो दुनिया भर में कोविड-19 महामारी फैलने से ठीक पहले हुई थी।

चोपड़ा पूरे वर्ष जांघ की मांसपेशियों की परेशानी से जूझते रहे जिससे पेरिस ओलंपिक और डायमंड लीग फाइनल में उनका प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ। उन्होंने सत्र के अंत में डॉक्टरों से परामर्श लेने की बात कही थी ताकि वह इस समस्या से निजात पाने के लिए सर्जरी कराने या नहीं कराने पर फैसला ले सकें।

लेकिन 27 सितंबर को पीटीआई से बात करते हुए चोपड़ा ने चोट की चिंताओं को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह अपनी तकनीक सुधारने की कोशिश करेंगे।

तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के तीन साल बाद पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले इस स्टार एथलीट ने कहा था, ‘‘यह चोटों से घिरा हुआ वर्ष रहा लेकिन अब चोट ठीक है। मैं नये सत्र के लिए पूरी तरह फिट रहूंगा। ’’

हाल में वह जर्मनी के कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज से अलग हो गये जिन्होंने पारिवारिक प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए स्टार भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी के साथ अपनी पांच साल की साझेदारी समाप्त कर दी।

भाषा नमिता पंत

पंत