नीरज ने चेक गणराज्य के दिग्गज ज़ेलेज़नी को अपना कोच नियुक्त किया

नीरज ने चेक गणराज्य के दिग्गज ज़ेलेज़नी को अपना कोच नियुक्त किया

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  • Publish Date - November 9, 2024 / 04:20 PM IST,
    Updated On - November 9, 2024 / 04:20 PM IST

नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने अगले सत्र की शुरुआत से पहले शनिवार को तीन बार के ओलंपिक चैंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक जान ज़ेलेज़नी को अपना कोच नियुक्त किया।

चेक गणराज्य के 58 वर्षीय ज़ेलेज़नी को आधुनिक युग का सबसे महान भाला फेंक खिलाड़ी माना जाता है। उन्होंने अपने शानदार करियर में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक (1992, 1996, 2000) और इतने ही विश्व खिताब (1993, 1995, 2001) जीते।

ज़ेलेज़नी के नाम इस स्पर्धा में 98.48 मीटर का विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज है।

चोपड़ा ने हाल तक जर्मन बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ क्लॉस बार्टोनिट्ज़ के साथ काम किया, जो उनके कोच की भूमिका भी निभा रहे थे।

तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण और पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले चोपड़ा ने कहा कि वह अपने शुरुआती दिनों से ज़ेलेज़नी के बहुत बड़े प्रशंसक थे और अपने कौशल को निखारने के लिए उनके वीडियो देखते थे।

चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं शुरू से ही जान की तकनीक और सटीकता का प्रशंसक रहा हूं। मैंने उनके वीडियो देखने में बहुत समय बिताया। वह इतने वर्षों तक इस खेल के शिखर पर रहे। मेरे लिए उनका साथ बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हम दोनों की भाला फेंकने की शैली एक जैसी है तथा उनके पास अपार अनुभव है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अपने करियर में अगले चरण की ओर बढ़ रहा हूं तो जान का मेरे साथ होना सम्मान की बात है। मैं उनके साथ काम करने को लेकर बेहद उत्साहित हूं।’’

चोपड़ा अभी तक 90 मीटर तक भाला नहीं फेंक पाए हैं लेकिन वह यह आंकड़ा हासिल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं जिसमें ज़ेलेज़नी का अनुभव काम आ सकता है।

ज़ेलेज़नी ने चोपड़ा का कोच नियुक्त किए जाने पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वह शुरू से ही भारतीय स्टार को कोचिंग देने के लिए उत्सुक थे क्योंकि उनमें अभी भी काफी संभावनाएं हैं।

ज़ेलेज़नी ने एक बयान में कहा,‘‘मैंने कई वर्ष पहले कह दिया था कि नीरज में महान खिलाड़ी बनने के सभी गुण हैं। मैंने यह भी कहा था कि अगर मुझे चेक गणराज्य के बाहर किसी खिलाड़ी को कोचिंग देनी हो तो मेरी पहली पसंद नीरज होगा। मुझे उनमें बड़ी संभावनाएं दिखती हैं, क्योंकि वह युवा हैं और सुधार करने में सक्षम हैं। ’’

भाषा पंत मोना

मोना