देहरादून, 28 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड की धार्मिक विरासत और जैव विविधता का झलक पेश करते रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन समारोह मंगलवार को यहां शुरू हुआ जिसमें 32 खेलों में लगभग 10 हजार खिलाड़ी पदक जीतने के लिए चुनौती पेश करेंगे।
खेल 14 फरवरी तक चलेंगे और देहरादून में मुख्य आयोजन स्थल सहित इस पहाड़ी राज्य के सात शहरों में स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा। लगभग 450 स्वर्ण पदक और इतनी ही संख्या में रजत और कांस्य पदक दांव पर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ स्टेडियम पहुंच गए हैं और थोड़ी देर में खेलों का उद्घाटन करेंगे । ठंड के मौसम के बावजूद करीब 25000 दर्शक रंगारंग समारोह को देखने के लिए राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री ने 2022 (गुजरात) और 2023 (गोवा) में खेलों के पिछले दो सत्र का भी उद्घाटन किया था।
सजी हुई गोल्फ कार्ट में स्टेडियम का चक्कर लगाने के बाद मोदी को पारंपरिक पहाड़ी टोपी, शॉल और खेलों के शुभंकर मौली और पदकों की प्रतिकृति वाला स्मृति चिन्ह भेंट किया गया ।
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खड़से और उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य इस मौके पर मौजूद थीं । भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के प्रमुख क्रिस जेंकिंस भी समारोह में पहुंचे हैं ।
राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि राज्य अपने गठन की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है।
उत्तराखंड के राज्य पक्षी ‘मोनाल’ से प्रेरित ‘मौली’ खेलों का शुभंकर है जो इस क्षेत्र की अनूठी प्राकृतिक सुंदरता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, निशानेबाज मनु भाकर जैसे देश के अधिकांश स्थापित स्टार इसमें भाग नहीं ले रहे हैं जिससे अन्य खिलाड़ियों को अपनी छाप छोड़ने का मौका मिलेगा।
इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले प्रमुख खिलाड़ियों में ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज स्वप्निल कुसाले और सरबजोत सिंह, विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन और तोक्यो खेलों की कांस्य विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन शामिल हैं।
चार खेल कलारीपयट्टू, योगासन, मल्लखंभ और राफ्टिंग प्रदर्शनी खेल होंगे जिनमें पदक नहीं दिया जाएगा।
भाषा मोना आनन्द
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