पिछले कुछ वर्षों में हॉकी के प्रति मंदीप का जुनून बढ़ा है, उनकी बहन भूपिंदरजीत ने कहा

पिछले कुछ वर्षों में हॉकी के प्रति मंदीप का जुनून बढ़ा है, उनकी बहन भूपिंदरजीत ने कहा

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  • Publish Date - July 21, 2024 / 02:07 PM IST,
    Updated On - July 21, 2024 / 02:07 PM IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) भारतीय हॉकी के फॉरवर्ड मंदीप सिंह भले ही अपने कप्तान हरमनप्रीत सिंह या पूर्व कप्तान मनप्रीत सिंह की तरह ख्याति नहीं हासिल कर पाये हों लेकिन जब वह मैदान पर होते हैं तो प्रतिद्वंद्वी डिफेंडर उन्हें हल्के में लेने की गलती नहीं कर सकते।

तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे मंदीप (29 वर्ष) पेरिस ओलंपिक में भारत के अभियान में अहम भूमिका निभायेंगे। उनकी बहन भूपिंदरजीत कौर का कहना है कि मंदीप का हॉकी के प्रति जुनून पिछले कुछ साल में बढ़ा है और अगर वह कुछ दिनों के लिए भी राष्ट्रीय शिविर से दूर रहते हैं तो बेचैन हो जाते हैं।

कौर ने ‘हॉकी पे चर्चा’ के एक ‘एपिसोड’ में कहा, ‘‘वह हॉकी खेलने का इतना क्रेजी था कि स्कूल से घर आता, खाना छोड़ देता और सीधे अभ्यास के लिए चला जाता। जैसे मंदीप बड़ा हुआ, उसकी खेल के प्रति प्रतिबद्धता और गहरी होती गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब भी जब मैं ब्रेक के दौरान उससे बात करती हूं तो वह कहता कि घर में उसे मजा आता है लेकिन 15 दिन के बाद उसे शिविर की याद आने लगती है। ’’

टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ मंदीप के प्रदर्शन से प्रतिद्वंद्वी टीम परेशान हो गई थी। लेकिन भारत इसमें हार गया। हालांकि भारत कांस्य पदक के साथ लौटा जिससे हर खिलाड़ी राष्ट्रीय नायक बन गया।

लेकिन कौर का कहना है कि मनदीप बस सुर्खियों में नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा, ‘‘वह स्टार कहलाना पसंद नहीं करता, बल्कि साधारण खिलाड़ी के तौर पर रहना पसंद करता है। ’’

तोक्यो में जर्मनी को हराकर भारत के कांस्य पदक जीतने के बाद घर पर हुए जश्न को याद करते हुए कौर ने कहा कि इसने सभी को गर्व से भर दिया।

कौर ने कहा, ‘‘हम सभी इसे टीवी पर देख रहे थे। मंदीप ने आंखों में आंसू भरकर ऊपर देखा। घर पर हर कोई जीत की प्रार्थना कर रहा था। जब हम आखिरकार जीते तो ऐसा लगा कि हमने कुछ बड़ी उपलब्धि हासिल की है। घर का माहौल खुशी और गर्व से भरा था। ’’

भाषा नमिता

नमिता