नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) भारत के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे को सीखने वाला अनुभव बताया और ऑस्ट्रेलिया से 1-3 से हारकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद और मजबूत होकर लौटने का संकल्प लिया।
श्रृंखला में 43.44 की औसत से 391 रन बनाकर दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे 23 वर्षीय जायसवाल ने पर्थ टेस्ट में 161 रन की शानदार पारी खेली जिसने भारत की 295 रन की जीत में अहम भूमिका निभाई।
जायसवाल ने दो अर्द्धशतक भी लगाए लेकिन भारत रविवार को सिडनी में पांचवां और अंतिम टेस्ट छह विकेट से हारने के बाद एक दशक में पहली बार ट्रॉफी बरकरार रखने में विफल रहा।
जायसवाल ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, ‘‘मैंने ऑस्ट्रेलिया में बहुत कुछ सीखा… दुर्भाग्य से, परिणाम वह नहीं था जिसकी हमें उम्मीद थी लेकिन हम और मजबूत होकर लौटेंगे। आपका समर्थन ही सब कुछ है।’’
इस हार ने भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदों को भी तोड़ दिया। अब फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा।
भारत की हार ने प्रशंसकों और विशेषज्ञों को निराश किया है लेकिन दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने जायसवाल और नितीश कुमार रेड्डी जैसी युवा प्रतिभाओं का समर्थन किया है और ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत पर जोर दिया है जो अपने विकेट को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे भारत और खुद के लिए नाम कमाने के भूखे हैं। ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है। आपको ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो अपने विकेट की रक्षा अपनी जान की तरह करें।’’
भाषा सुधीर पंत
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