ओलंपिक के लिए पेरिस में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती

ओलंपिक के लिए पेरिस में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती

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  • Publish Date - July 21, 2024 / 05:34 PM IST,
    Updated On - July 21, 2024 / 05:34 PM IST

पेरिस, 21 जुलाई (एपी) पेरिस ओलंपिक के आयोजन से जुड़े प्रमुख लोगों ने लगभग एक साल पहले आत्मविश्वास के साथ कहा था कि इन खेलों के दौरान फ्रांस की राजधानी ‘दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह’ होगी लेकिन अब परिस्थितियां बदल गयी है और  सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए पुलिस के साथ सेना और कृत्रिम मेधा (एआई) की मदद ली जा रही है।

पेरिस में पुलिस दल सड़कों पर गश्त कर रहे हैं, आसमान में लड़ाकू जेट विमान उड़ रहे और सेना की टुकड़ी को इस तरह से तैयार किया गया कि वे आपात स्थिति में किसी भी खेल स्थल या खेल गांव में आधे घंटे में पहुंच जाये।

उद्घाटन समारोह की मेजबानी करने वाले सीन नदी के किनारों को पहले खुला रखने की योजना थी लेकिन अब दोनों किनारों पर सुरक्षा अवरोध लगाए जा रहे हैं।

यूक्रेन तथा गाजा में चल रहे युद्ध और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय तनाव के बीच फ्रांस के सामने 26 जुलाई से 11 अगस्त तक दुनिया भर के लगभग 10,500 खिलाड़ियों के साथ लाखों की संख्या में यहां आने वाले प्रशंसकों की सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती होगी। इन खेलों पर साइबर हमलों का भी खतरा है।पेरिस खेलों के लिए  45,000 पुलिस के साथ लगभग 10,000 सेना के जवानों को तैनात किया गया है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पेरिस में सबसे बड़ा सैन्य शिविर है।

पेरिस में 2015 के बाद अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट के बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरों ने कई बार हमले किये। इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए फ्रांस में भीड़-भाड़ वाली जगहों पर वाहनों पर और पैदल सशस्त्र सैन्य गश्त आम हो गई है।

सेंटिनेल नामक आतंकवाद विरोधी सैन्य बल के डिप्टी कमांडर जनरल एरिक चास्बोउफ ने कहा, ‘‘ शुरूआत में आम लोगों के लिए हमें देखना बहुत अजीब था लेकिन अब यह सामान्य हो गया है।’’

सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए राफेल युद्धक विमान के साथ हवाई क्षेत्र की निगरानी करने वाली एडब्ल्यूएसीएस निगरानी उड़ानें, रीपर निगरानी ड्रोन, शार्पशूटर से लैस हेलीकॉप्टर और ड्रोन को निष्क्रिय करने वाले उपकरण पेरिस के आसमान की निगरानी करेंगे। उद्घाटन समारोह के दौरान सीन नदी के आसपास 150 किलोमीटर (93 मील) क्षेत्र को नो फ्लाई जोन करार दिया जायेगा।

इसके साथ ही कृत्रिम मेधा सॉफ्टवेयर से लैस कैमरे भी किसी भी संभावित खतरे से निपटने में मदद करेंगे।

इस मामले में फ्रांस को 40 से अधिक देशों से भी मदद मिल रही है, जिसने 1900 से अधिक पुलिस बल भेजे है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चुनाव प्रचार के दौरान हुए हुए हमले के बाद सुरक्षा की चिंता और बढ़ गयी है।

 पेरिस के दक्षिण पूर्व में सेंटिनेल बल के 4,500 सैनिक के अस्थायी शिविर के निर्माण की देखरेख कर रहे जनरल फिलिप पोरक्वे ने कहा, ‘‘कोई भी गारंटी नहीं दे सकता कि गलतियां नहीं होंगी। किसी के लिए भी हालांकि किसी वारदात को अंजाम देना काफी मुश्किल होगा।’’

ओलंपिक के लिए फ्रांस आ रहे पर्यटकों की भी पूरी तफ्तीश की जा रही है।

गृहमंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा, ‘‘हम विशेष रूप से रूसी और बेलारूसी नागरिकों की गहन जांच कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ 155 लोगों को ‘बहुत खतरनाक’ और आतंकवादी स्तर खतरा माना जाता है। उन्हें उद्घाटन समारोह और खेलों से भी दूर रखा जा रहा है, पुलिस कुछ मामलों में हथियारों और उनके घरों तथा कम्प्यूटरों की तलाशी ले रही है।

एपी आनन्द पंत

पंत