लारा ने कहा, धोनी से पूछना चाहिए कि क्या वह ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करना चाहेंगे

लारा ने कहा, धोनी से पूछना चाहिए कि क्या वह ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करना चाहेंगे

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  • Publish Date - April 20, 2024 / 03:41 PM IST,
    Updated On - April 20, 2024 / 03:41 PM IST

लखनऊ, 20 अप्रैल (भाषा) जहां एक तरफ खेल प्रेमी महेंद्र सिंह धोनी के बल्लेबाजी क्रम में ऊपर बल्लेबाजी करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं ब्रायन लारा को लगता है कि इस करिश्माई खिलाड़ी से पूछा जाना चाहिए कि क्या वह ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे?

टीम प्रबंधन भी धोनी को ऊपरी क्रम में खिलाना पसंद करेगा लेकिन वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर लारा जानते हैं कि 42 वर्षीय धोनी को घुटने की समस्या है जिससे वह ज्यादा लंबे समय तक बल्लेबाजी नहीं कर सकते इसलिये वह ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी की बात पर विचार नहीं करेंगे।

घुटने की समस्या के अलावा धोनी उम्र के ऐसे पड़ाव में हैं जहां वह युवाओं को अपनी काबिलियत साबित करने का मौका देना चाहेंगे।

लारा ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘यह शानदार होगा। उनसे पूछना चाहिए कि क्या वह ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करना चाहेंगे? क्योंकि वह उपयोगी योगदान कर रहे हैं। लेकिन इसमें कुछ नुकसान के कारण भी हैं। इसलिये मुझे लगता है कि इन पर विचार किया जाना चाहिए। ’’

चेन्नई सुपर किंग्स के महान खिलाड़ी धोनी ने शुक्रवार को यहां लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ नौ गेंद में 28 रन की पारी खेली जो इस इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सत्र की कुछ रोमांचक उपयोगी पारियों में से एक रही। हालांकि चेन्नई की टीम आठ विकेट से हार गयी।

लारा ने कहा, ‘‘42 साल की उम्र में वह टीम के लिहाज से भी सोच रहा होगा कि युवा खिलाड़ियों को ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए। लेकिन मुझे लगता है कि मध्यक्रम की पारी से सीएसके की बल्लेबाजी के बारे में पता चलता है। धोनी ने हालांकि अंत में तेज तर्रार पारी खेली लेकिन अंत में उनकी पारी भी नाकाफी रही। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें ड्रेसिंग रूम में जाकर महसूस करना होगा कि उन्हें पूरी पारी के दौरान थोड़ा ज्यादा आक्रामक होने की जरूरत है। क्योंकि अंत में आपके पास एक आक्रामक खेलने वाला खिलाड़ी है। ’’

लारा ने कहा, ‘‘अगर उसे दो-तीन ओवर मिलते हैं तो वह अपना काम कर देता है जैसा कि उसने मुंबई इंडियंस के खिलाफ किया और उन्हें 200 रन से ऊपर पहुंचा दिया। उन्हें हर वक्त इसके बारे में सोचने की जरूरत है। ’’

भाषा नमिता मोना

मोना