शेनझेन (चीन), 20 नवंबर (भाषा) भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने स्वीकार किया कि ओलंपिक पदक से चूकने का दर्द अब भी बरकरार है लेकिन उन्होंने कहा कि अब उनका ध्यान पूरी तरह से फिट होने और बाकी बची प्रतियोगिताओं में मजबूत प्रदर्शन के साथ अगले सत्र से पहले लय हासिल करने पर है।
उत्तराखंड के इस खिलाड़ी को अगस्त में बड़ा झटका लगा था जब पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के प्लेऑफ में मलेशिया के दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी ली जी जिया के खिलाफ बेहतर स्थिति में होने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा। तब से उन्हें जूझना पड़ रहा है और वह पिछले तीन टूर्नामेंट में वह जल्दी बाहर हो गए।
मंगलवार को लक्ष्य ने हालांकि ली को तीन गेम में हराकर चीन मास्टर्स सुपर 750 टूर्नामेंट के दूसरे दौर में जगह बनाकर राहत की सांस ली होगी।
तेइस साल के लक्ष्य ने ली के खिलाफ कड़े मुकाबले में 21-14, 13-21, 21-13 की जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह कड़ा टूर्नामेंट था। एक तरह से इसने मुझे बहुत सारी सकारात्मक चीजें दीं लेकिन इतने करीब आकर चूकने से अब भी थोड़ा दुख होता है। मुझे लगता है कि यह अब भी कुछ समय तक दुख देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस यही कोशिश कर रहा हू कि इससे मुझे बहुत प्रेरणा मिले और मैं खुद को बेहतर बैडमिंटन खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित करूं। मुझे लगता है कि यह अनुभव मुझे बहुत कुछ सिखाएगा।’’
लक्ष्य ने कहा, ‘‘अब मैं बस अपनी फिटनेस को वापस पाने की कोशिश कर रहा हूं। साथ ही कुछ छोटी-मोटी चोट भी हैं इसलिए बस उनका प्रबंधन करने की कोशिश कर रहा हूं।’’
विश्व चैंपियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य ने कहा कि उनका ध्यान अब अपनी फिटनेस पुन: हासिल करने पर है।
अगले साल की योजनाओं के संदर्भ में लक्ष्य ने कहा कि वह मलेशिया और ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करके अच्छी शुरुआत करना चाहते हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन लक्ष्य ने कहा, ‘‘मैं खुद को बेहद मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा हूं ताकि मैं अगले सत्र में बेहद ठोस प्रदर्शन कर सकूं। इस साल यह सिर्फ कुछ अच्छे मैच खेलने के बारे में है क्योंकि पिछले डेढ़ महीने, दो महीने में, मैंने वापसी करने की कोशिश की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस कुछ अच्छे मैच खेलना चाहता हूं और शायद साल खत्म होने से पहले अच्छा प्रदर्शन कर सकूं। मैं अगले साल मलेशिया और ऑल इंग्लैंड में खेलने पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रहा हूं।’’
ओलंपिक के बाद वापसी करते हुए लक्ष्य को संघर्ष करना पड़ा है। वह आर्कटिक ओपन सुपर 500 में दूसरे दौर में बाहर हो गए जबकि डेनमार्क ओपन सुपर 750 और कुमामोतो मास्टर्स जापान सुपर 500 में पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाए।
भाषा सुधीर मोना
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