एक समय में एक अंक के बारे में सोचने और धैर्य बरकरार रखकर जीत दर्ज कर पाए किरण

एक समय में एक अंक के बारे में सोचने और धैर्य बरकरार रखकर जीत दर्ज कर पाए किरण

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 09:51 PM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 09:51 PM IST

नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) भारत के किरण जॉर्ज ने इंडिया ओपन बैडमिंटन के कड़े मुकाबले में जीत दर्ज करने के बाद भावुक होते हुए कहा कि वह सबसे पहले भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं।

केरल के 24 वर्षीय खिलाड़ी किरण ने बृहस्पतिवार को इस बीडब्ल्यूएफ सुपर 750 टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की जो उनके करियर में एक मील का पत्थर है।

टूर्नामेंट में देर से प्रवेश करने वाले किरण ने दोनों हाथों से अवसर का फायदा उठाया और शुरुआती दो दौर में दो बार शानदार प्रदर्शन किया।

जापान के युशी तनाका के खिलाफ पहले दिन किरण ने एक घंटे और 11 मिनट के कड़े मुकाबले में तीन मैच प्वाइंट बचाए और 21-19 14-21 27-25 से जीत हासिल की।

बृहस्पतिवार को भी किरण ने शुरुआती गेम में पिछड़ने के बाद वापसी की और लगातार आठ अंक के साथ मुकाबला जीता।

किरण ने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मैं एक बार में एक अंक पर ध्यान दे रहा था। मुझे लगता है कि इससे मुझे पहला गेम जीतने में मदद मिली। मैं बस धैर्य रखना चाहता था।’’

बैडमिंटन परिवार से ताल्लुक रखने वाले किरण की इस खेल में यात्रा कोच्चि में चार साल की उम्र में शुरू हुई जहां उन्हें पहली बार उनके पिता जॉर्ज थॉमस ने इस खेल से रूबरू कराया। थॉमस पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं।

उनकी मां प्रीता जॉर्ज ने भी राज्य स्तर पर बैडमिंटन खेला है और उनके भाई अरुण जॉर्ज भी एक खिलाड़ी हैं।

अतीत में किरण के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी रही है और इस सप्ताह ऐसा लग रहा है कि किस्मत उनका साथ दे रही है। उन्हें इंडिया ओपन में देर से प्रवेश मिला और उन्होंने शुरुआती दो दौर में इस अवसर को दोनों हाथों से भुनाया।

किरण ने कहा, ‘‘मैं कड़ी मेहनत कर रहा था और सौभाग्य से आज किस्मत ने मेरा साथ दिया।’’

किरण पहले गेम में 1-6 और फिर 14-20 से पीछे थे लेकिन मैच को समाप्त करने के लिए बेताब एलेक्स लेनियर ने कई गलतियां कीं जिसके बाद किरण ने लगातार आठ अंक के साथ गेम जीत लिया।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता