खेलो इंडिया योजना ने 2781 खिलाड़ियों की पहचान की है, वैश्विक खेल प्रदर्शन को बढ़ाया है: मांडविया

खेलो इंडिया योजना ने 2781 खिलाड़ियों की पहचान की है, वैश्विक खेल प्रदर्शन को बढ़ाया है: मांडविया

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  • Publish Date - December 2, 2024 / 09:43 PM IST,
    Updated On - December 2, 2024 / 09:43 PM IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि खेलो इंडिया योजना ने पैरा एथलेटिक्स सहित 21 खेलों में 2781 खिलाड़ियों खिलाड़ियों की पहचान की है और उन्हें खेलो इंडिया प्रतिभा विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।

मांडविया ने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा, ‘‘खेलो इंडिया योजना विशिष्ट दिशानिर्देशों और मानदंडों के आधार पर पैरा एथलेटिक्स सहित 21 खेलों में खिलाड़ियों का समर्थन करके अपने खेलो इंडिया प्रतिभा विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभा की पहचान करती है और उन्हें निखारती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज तक योजना के तहत 2781 खेलो इंडिया खिलाड़ियों (केआईए) की पहचान की गई है जिन्हें कोचिंग, उपकरण, चिकित्सा देखभाल और मासिक आउट ऑफ पॉकेट भत्ता (ओपीए) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है।’’

केआईए के रूप में पहचाने जाने वाले खिलाड़ी भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के तहत राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों के साथ-साथ अन्य मान्यता प्राप्त अकादमियों में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

मांडविया ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के खेल प्रतिभा पूल को मजबूत कर रहा है और वैश्विक मंच पर देश की बढ़ती सफलता में योगदान दे रहा है।

मंत्री ने खेलो इंडिया खिलाड़ियों का ब्योरा भी दिया जिन्होंने 2022 हांगझोउ एशियाई खेलों और पेरिस ओलंपिक में भाग लिया और देश को गौरव दिलाया।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन के हांगझोउ में 2022 एशियाई खेलों में 644 भारतीय खिलाड़ियों में से 124 केआईए थे और उन्होंने नौ स्वर्ण पदक सहित भारत के 106 पदक में से 42 जीतकर महत्वपूर्ण योगदान दिया।’’

खेल मंत्री ने कहा, ‘‘पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए 117 खिलाड़ियों के भारतीय दल में 28 केआईए शामिल थे जो कार्यक्रम की सफलता और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भारत के प्रदर्शन को बढ़ाने में केआईए की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।’’

मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलों को बढ़ावा देना’ खेलो इंडिया योजना का हिस्सा है और यह देश भर में ग्रामीण और स्वदेशी खेलों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।

भाषा सुधीर आनन्द

आनन्द