कास्परोव ने हर बाधा को पार कर शिखर तक पहुंचने के लिए गुकेश की प्रशंसा की |

कास्परोव ने हर बाधा को पार कर शिखर तक पहुंचने के लिए गुकेश की प्रशंसा की

कास्परोव ने हर बाधा को पार कर शिखर तक पहुंचने के लिए गुकेश की प्रशंसा की

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Modified Date: December 13, 2024 / 04:01 PM IST
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Published Date: December 13, 2024 4:01 pm IST

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) रूस के महान खिलाड़ी गैरी कास्परोव ने सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने के लिए डी गुकेश की सराहना करते हुए कहा कि इस भारतीय ने ‘सबसे ऊंचे शिखर को छुआ है’ और गलतियों की गिनती करने वाले आलोचकों को पता होना चाहिए कि कोई भी पिछला मैच बिना गलतियों के नहीं रहा है।

गुकेश (18 साल) ने बृहस्पतिवार को सिंगापुर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब जीता। इस प्रक्रिया में उन्होंने सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन होने के कास्परोव के रिकॉर्ड को बेहतर किया जो रूस के खिलाड़ी ने 1985 में 22 वर्षीय अनातोली कार्पोव को हराकर बनाया था।

कास्परोव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उसने सबसे ऊंची चोटी तक चढ़ाई की है और अपनी मां को खुश किया है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘गुकेश ने रास्ते में आने वाली हर बाधा और प्रतिद्वंद्वी को प्रभावशाली ढंग से पार किया। विशेषकर अपनी उम्र को देखते हुए और इससे ज्यादा कुछ नहीं मांगा जा सकता। ’’

कास्परोव शतरंज के उन महान खिलाड़ियों में से हैं जिन्हें लगता है कि विश्व चैंपियनशिप अपने पारंपरिक रूप में तब समाप्त हो गई जब विश्व नंबर एक मैग्नस कार्लसन ने 2023 में अपने खिताब का बचाव नहीं करने का फैसला किया।

लेकिन 61 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि ‘‘आज की बात ऐसी नहीं है।’’

कई बार के पूर्व विश्व चैंपियन अब न्यूयॉर्क में रहने वाले एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। वह अपने समकालीन व्लादिमीर क्रैमनिक से भी असहमत थे जिन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक था और मैच के दौरान कई गलतियां हुईं।

कास्परोव ने कहा, ‘‘खेल का स्तर काफी ऊंचा था। कम से कम पिछले मैच के बराबर था। डिंग ने शानदार प्रतिरोध दिखाया। जहां तक ​​गलतियों की बात है तो कौन सी विश्व चैंपियनशिप गलतियों के बिना हुई है। मैंने भी अपनी गलती की और कार्लसन-आनंद 2014 में जी6 की हुई दोहरी गलती को याद कीजिए। मैच बहुत थकाऊ होते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘गुकेश अच्छी तरह से तैयार था और जिस खिलाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया, उसने मैच जीत लिया। उसकी जीत भारत के लिए एक अभूतपूर्व वर्ष का समापन है। ’’

भाषा नमिता मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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