पदार्पण के लिए इंतजार करना मुश्किल था लेकिन गंभीर और माता-पिता के शब्दों ने मदद की: हर्षित राणा

पदार्पण के लिए इंतजार करना मुश्किल था लेकिन गंभीर और माता-पिता के शब्दों ने मदद की: हर्षित राणा

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  • Publish Date - November 23, 2024 / 07:07 PM IST,
    Updated On - November 23, 2024 / 07:07 PM IST

पर्थ, 23 नवंबर (भाषा) हर्षित राणा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट पदार्पण करने से पहले मुश्किल मानसिक स्थिति में थे लेकिन मुख्य कोच गौतम गंभीर और अपने माता-पिता की सलाह ने उनके लिए चीजों को आसान कर दिया।

राणा ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में तीन विकेट झटककर गंभीर की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफल रहे। उन्होंने कप्तान जसप्रीत बुमराह का शानदार तरीके से साथ दिया जिससे भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 104 रन पर समेटने में सफल रही।

राणा ने शनिवार को मैच के दूसरे दिन के खेल के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मेरे लिए (अपने पदार्पण के लिए) इंतजार करना मुश्किल था, लेकिन गौती भाई कह रहे थे कि धैर्य बनाए रखो और जब भी मौका मिले अच्छा प्रदर्शन करो। वह हमेशा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। वह मुझसे कह रहे थे कि सब कुछ एक तरफ रखकर सोचो कि तुम पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हर मैच से पहले अपने माता-पिता से बात करता था। वे मुझे धैर्य बनाने रखने की सलाह देने के साथ कह रहे थे कि भगवान मेरे सपनों को पूरा करेंगे।’’

राणा ने बताया कि मैच से एक दिन पहले जब उन्हें पदार्पण के बारे में बताया गया तो वह थोड़े घबरा गये थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऑस्ट्रेलिया के मैचों को देखने के लिए वह अपने पिता के साथ जल्दी उठ जाते थे। ऐसे में यह मेरे लिए यह बड़ी बात थी कि मुझे यहां पदार्पण का मौका मिल रहा है। मुझे मैच शुरू होने से एक दिन पहले पदार्पण के बारे में बताया गया था। मैं उस रात को ठीक से सो नहीं पाया मुझे काफी देर से नींद आयी थी।’’

राणा ने कहा कि उन्होंने इस दौरे के लिए टीम प्रबंधन की देखरेख में काफी कड़ी मेहनत की थी और वामहस्त बल्लेबाज ट्रेविस हेड का विकेट मिलने के बाद उनकी सारी घबराहट दूर हो गयी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम (ऑस्ट्रेलियाई) बल्लेबाजों को आउट करने के लिए योजना तय करने के बारे में बात कर रहे थे और हमारी योजना विकेटों को निशाना बनाने की थी। मैं सही लेंथ पर गेंद डालने में सफल रहा और विकेट (हेड) हासिल किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह समझने के लिए मोर्ने मोर्कल के साथ भी काम किया है कि यहां किस लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करनी है। मैं बस टीम की योजना पर कायम था।’’

इस 22 साल के खिलाड़ी ने पारी की शुरुआत में तीन विकेट लेने कर बाकी गेंदबाजों के काम को आसान बनाने के लिए बुमराह का आभार जताया।

उन्होने कहा, ‘‘ जस्सी भाई ने शुरुआत में तीन विकेट चटका कर मेरा काम थोड़ा आसान कर दिया। यह कई बार होता है कि वह एक छोर से दबाव बनाते है और दूसरे छोर से अन्य गेंदबाज विकेट लेने में सफल रहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब जस्सी भाई ऐसा करते हैं तो पूरा माहौल उत्साहित हो जाता है। इसलिए जब मैं गेंदबाजी करने आया, तो ऑस्ट्रेलियाई टीम के तीन विकेट गिर चुके थे और मैं कुछ और विकेट लेने के बारे में सोच रहा था क्योंकि उन्हें जल्दी आउट करना हमारे लिए फायदेमंद होगा।’’

उन्होंने मैदान पर उनका समर्थन करने के लिए अनुभवी विराट कोहली को धन्यवाद देते हुए कहा कि और उन्हें सफेद गेंद से लाल गेंद प्रारूप में ढलना में ज्यादा परेशानी नहीं हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘ अनुभवी खिलाड़ियों से सुझाव लेना वास्तव में मददगार है। विराट भाई बताते रहते हैं कि गेंदबाजी करते समय क्या करना है, गेंद को कहा टप्पा खिलाना है और कहां नहीं। इसलिए, आपको उनकी बातों से आत्मविश्वास मिलता है।’’

राणा और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के उनके साथी मिचेल स्टार्क के बीच हलके फुल्के अंदाज में छिंटाकशी भी हुई लेकिन भारतीय गेंदबाज ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त है क्योंकि हम आईपीएल में एक साथ खेलते हैं। मेरा उनके साथ बहुत अच्छा रिश्ता है। ये सब बातचीत तो होती रहेगी, यह बस कुछ शब्दो का आदान प्रदान था।’’

भाषा आनन्द नमिता

नमिता