नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) एक दशक पूर्व अपने पहले फाइनल में पहुंचने के बाद तीसरा इंडिया ओपन खिताब जीतना खेल में लंबे समय तक टिके रहने की विक्टर एक्सेलसन की क्षमता को दर्शाता है और रविवार को यहां खिताबी जीत के बाद दो बार के ओलंपिक चैंपियन ने कहा कि वह ‘अवास्तविक’ महसूस कर रहे हैं।
डेनमार्क के इस 31 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में जीत के बाद आए खिताबी सूखे के बाद इस जीत ने उनकी प्रेरणा को फिर से जगा दिया है।
वर्ष 2017 और 2019 के चैंपियन एक्सेलसन ने अपना छठा इंडिया ओपन फाइनल खेलते हुए पिछले साल के उप विजेता हांगकांग के ली चेउक यियु को 21-16, 21-8 से हराकर पुरुष एकल खिताब जीता।
एक्सेलसन ने कहा, ‘‘31 साल की उम्र में पहली बार (खिताब)। मैं 10 साल पहले यहां अपने पहले फाइनल में था। अपने छठे फाइनल में तीसरी बार जीतना बहुत ही अवास्तविक लगता है। यह शानदार है।’’
पेरिस ओलंपिक में जीत के बाद एक्सेलसन को कुछ चोटों की समस्या थी और पैर की चोट के कारण उन्हें सत्र के अंत में बीडबल्यूएफ विश्व टूर फाइनल से हटना पड़ा जिससे वह अपना खिताब बचाने में असफल रहे।
दो बार के विश्व चैंपियन एक्सेलसन ने मलेशिया में वापसी की पिछले हफ्ते इस सुपर 1000 प्रतियोगिता के शुरुआती दौर में ली से हार गए और इंडिया ओपन में क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में भी मैच जीतने के दौरान उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।
एक्सेलसन ने कहा, ‘‘वास्तव में यह खिताब मेरे लिए बहुत खास है। ओलंपिक के बाद मैं चोटों, ट्रेनिंग को लेकर जूझ रहा था और मेरी प्रेरणा में थोड़ी कमी आई थी। लेकिन इस हफ्ते मुझे यहां एक प्रतियोगी की तरह महसूस हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगभग हर मैच में कड़ी टक्कर मिली लेकिन मैं हल खोजने में सफल रहा। और यहां जीतना बहुत मायने रखता है। इससे मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है।’’
डेनमार्क के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘हां, अब मुझे लगता है कि मुझे वास्तव में कुछ काम करना है। मैंने यहां खिताब जीता है लेकिन खिताब मेरे लिए सब कुछ नहीं है। मैं बेहतर होते रहना चाहता हूं और विभिन्न परिस्थितियों में समाधान ढूंढना चाहता हूं। और मैं निश्चित रूप से इस सप्ताह ऐसा करने में सफल रहा हूं। इसलिए मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं और खुश हूं।’’
एक्सेलसन ने स्वीकार किया कि वह अब भी अपना सर्वश्रेष्ठ फॉर्म हासिल नहीं कर पाए हैं लेकिन उन्होंने कहा कि इस जीत ने उन्हें बड़े खिताबों को लक्षित करने का आत्मविश्वास दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस समय अपने सर्वश्रेष्ठ से बहुत दूर हूं इसलिए यह एक बहुत अच्छा संकेत है कि मैं यहां जीता। मुझे लंबे समय से अच्छी ट्रेनिंग नहीं मिली है। अगर मैं चार सप्ताह तक उचित ट्रेनिंग कर पाया तो मुझे लगता है कि मैं और भी बेहतर स्थिति में हो सकता हूं और सबसे बड़े खिताबों के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकता हूं।’’
भाषा सुधीर आनन्द
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