आईओए ईसी के सदस्यों का ध्यान खुद के फायदे और वित्तीय लाभ लेने पर: उषा

आईओए ईसी के सदस्यों का ध्यान खुद के फायदे और वित्तीय लाभ लेने पर: उषा

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  • Publish Date - September 29, 2024 / 05:46 PM IST,
    Updated On - September 29, 2024 / 05:46 PM IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को ‘अपने तरीके’ से चलाने का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार को कार्यकारी परिषद (ईसी) में बगावत करने वाले सदस्यों पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उनका मकसद देश के खेल की भलाई करने की जगह ‘खुद के फायदे और मौद्रिक लाभ’ लेने पर है। 

उषा ने यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि ‘‘इनमें से कुछ ईसी सदस्यों का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद संदिग्ध है। इसमें लैंगिक भेदभाव के आरोप और यहां तक कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एक खिलाड़ी के रूप में अपने 45 साल लंबे करियर में मैंने कभी ऐसे लोगों का सामना नहीं किया है जो हमारे खिलाड़ियों की आकांक्षाओं और हमारे देश के खेल भविष्य के प्रति इतने उदासीन हैं। इन व्यक्तियों का पूरा ध्यान खेल प्रशासन में उनकी लंबे समय तक उपस्थिति और नियंत्रण के माध्यम से खुद के फायदे और मौद्रिक लाभ लेने पर रहता है।’’

इस पूर्व दिग्गज एथलीट ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘‘इसके अलावा यह बताना भी जरूरी है कि इनमें से कुछ ईसी सदस्यों के ट्रैक रिकॉर्ड बेहद संदिग्ध हैं। उन पर लैंगिक पूर्वाग्रह के आरोप हैं। यहां तक कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं।’’

कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सीनियर अधिकारी जेरोम पोइवे को पत्र लिखकर इस दिग्गज एथलीट पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया।

उन्होने कार्यकारी परिषद की नोकझोंक से भरी बैठक के दौरान उषा द्वारा आईओए सीईओ के पद से रघुराम अय्यर को हटाने की उनकी मांग को खारिज करने के बाद आईओसी को पत्र लिखा।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय एच पटेल, उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी देव और गगन नारंग, कोषाध्यक्ष सहदेव यादव, संयुक्त सचिव अलकनंदा अशोक और कल्याण चौबे, अन्य कार्यकारी परिषद सदस्य अमिताभ शर्मा, भूपेंद्र सिंह बाजवा, रोहित राजपाल, डोला बनर्जी, हरपाल सिंह और योगेश्वर दत्त ने पत्र पर हस्ताक्षर किए।

कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने पोइवे को लिखा कि वे आईओए के सीईओ के पद के लिए फिर से विज्ञापन देंगे।

उन्होंने लिखा, ‘‘अगले दो महीनों के अंदर अध्यक्ष के साथ मिलकर एक उपयुक्त उम्मीदवार को नियुक्त करने का लक्ष्य है। हम आईओए अध्यक्ष के आचरण से बहुत चिंतित हैं जिनका तानाशाही व्यवहार हमेशा खेदजनक रहा है।’’

उषा ने ईसी के इन 12 सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण और झूठा’ करार देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य ‘केवल मेरे नेतृत्व और भारतीय खेलों की बेहतरी के लिए लगन से काम करने वालों के प्रयासों को बदनाम करना है’।

उन्होंने कहा, ‘‘इन ईसी सदस्यों द्वारा किए गए सबसे गंभीर दावों में से एक आईओए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में रघुराम अय्यर की नियुक्ति पर सवाल उठाना है। यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि जनवरी 2024 में की गई उनकी नियुक्ति आईओए संविधान के अनुसार सख्ती से की गई थी।’’

उन्होंने इस विज्ञप्ति में आरोप लगाया, ‘‘ आईओए ईसी के 12 सदस्यों का यह दुर्भावनापूर्ण पत्र भारतीय खेलों की प्रगति में बाधा डालने और उन सकारात्मक विकास को कमजोर करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिन्हें हासिल करने के लिए हमने सामूहिक रूप से कड़ी मेहनत की है। इस तरह की कार्रवाई भारतीय खेलों की छवि को कलंकित करती है।’’

उषा ने यादव और वित्त समिति के सदस्यों के खिलाफ ‘आईओए पर बकाया बड़ी रकम को गुप्त रूप से बट्टे खाते में डालने का आरोप लगाया’।

उन्होंने पूर्व कार्यवाहक सीईओ कल्याण चौबे पर आईओए के नियमों को ताक पर रखकर भारतीय ताइक्वांडो महासंघ को मान्यता देने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय ताइक्वांडो महासंघ को इस खेल की वैश्विक और एशियाई संचालन इकाई से मान्यता नहीं मिली है।

भाषा आनन्द नमिता

नमिता