भारत अगले साल 10 अगस्त को पहली बार विश्व एथलेटिक्स ‘कॉन्टिनेंटल टूर’ कार्यक्रम की मेजबानी करेगा

भारत अगले साल 10 अगस्त को पहली बार विश्व एथलेटिक्स ‘कॉन्टिनेंटल टूर’ कार्यक्रम की मेजबानी करेगा

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  • Publish Date - December 15, 2024 / 05:39 PM IST,
    Updated On - December 15, 2024 / 05:39 PM IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) भारत अगले साल 10 अगस्त को भुवनेश्वर में पहली बार विश्व एथलेटिक्स ‘कॉन्टिनेंटल टूर’ प्रतियोगिता (कांस्य स्तर की वैश्विक प्रतियोगिता) की मेजबानी करेगा। यह जानकारी राष्ट्रीय महासंघ ने रविवार को दी।

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने 2025 के प्रतियोगिता कैलेंडर को जारी करते हुए यह घोषणा की।

‘कॉन्टिनेंटल टूर’ विश्व एथलेटिक्स के तत्वावधान में आयोजित ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं की वार्षिक श्रृंखला है। यह प्रतिष्ठित डायमंड लीग के बाद अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय प्रतियोगिताओं का दूसरा टीयर है।

एएफआई अध्यक्ष आदिले सुमारिवाला ने कहा, ‘‘कॉन्टिनेंटल टूर भारतीय टीम के लिए सितंबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले घरेलू सरजमीं पर अपनी क्षमता दिखाने का अच्छा अवसर होगा।’’

यह प्रतियोगिता भारतीय एथलीटों के लिए 13 से 21 सितंबर तक तोक्यो में होने वाली 2025 विश्व चैंपियनशिप के लिए घरेलू परिस्थितियों में विश्व रैंकिंग अंक (श्रेणी सी) अर्जित करने का अवसर होगा।

कांस्य स्तर की टूर प्रतियोगिताएं स्तर के मामले में स्वर्ण और रजत स्तर की प्रतियोगिताओं के बाद आती हैं। भारत में 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय परमिट मीट के बाद यह पहली वैश्विक एथलेटिक्स प्रतियोगिता होगी।

भारत ने 2004 में नयी दिल्ली में विश्व हाफ मैराथन चैंपियनशिप की भी मेजबानी की है।

एएफआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘80 और 90 के दशक में परमिट मीट और 2004 में विश्व हाफ मैराथन के बाद यह सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक एथलेटिक्स प्रतियोगिता होगी जो पहली बार यहां होगी। यह एक बड़ी उपलब्धि है और इससे देश में एथलेटिक्स को प्रगति करने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि भारत अगले साल एक वैश्विक स्तर की भाला फेंक की ‘बड़ी’ प्रतियोगिता की मेजबानी भी कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम भाला फेंक के एक बड़े वैश्विक आयोजन के लिए प्रयास कर रहे हैं।’’

ओलंपिक स्वर्ण और रजत पदक विजेता नीरज चोपड़ा की सफलता के बाद भारत दुनिया में वैश्विक स्तर पर भाला फेंक में महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में देश में छह से अधिक भाला फेंक खिलाड़ी हैं जो 80 मीटर से अधिक की दूरी हासिल करने की क्षमता रखते हैं।

विश्व एथलेटिक्स की कॉन्टिनेंटल टूर कांस्य स्तर की प्रतियोगिता केवल उसी स्टेडियम में आयोजित की जा सकती है जिसमें कम से कम 3000 लोगों के बैठने की क्षमता हो और कम से कम छह लेन वाला क्लास दो का प्रमाणित ट्रैक हो। इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण विश्व एथलेटिक्स से प्रमाणित होने चाहिए।

आयोजकों को कम से कम 12 स्पर्धाएं आयोजित करनी होंगी जिसमें प्रत्येक श्रेण (पुरुष और महिला) के लिए कम से कम पांच स्पर्धाएं होनी चाहिएं। इसमें कम से कम एक ‘जंपिंग’और एक ‘थ्रोइंग’ स्पर्धा होनी चाहिए। उन्हें लगातार ढाई घंटे के भीतर मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने का हर संभव प्रयास करना होगा।

भाग लेने वाले एथलीट को कम से कम तीन सितारा होटल में ठहराया जाना चाहिए और प्रतियोगिता के लिए कुल 25 हजार अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि पेश की जानी चाहिए।

वर्ष 2025 कैलेंडर के अनुसार सत्र की शुरुआत 12 जनवरी को राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री चैंपियनशिप से होगी।

राष्ट्रीय पैदल चाल प्रतियोगिता 19 अप्रैल को चंडीगढ़ में आयोजित की जाएगी। सीनियर राष्ट्रीय फेडरेशन कप 21-24 अप्रैल को हरियाणा के पंचकूला में आयोजित किया जाएगा और यह कोरिया में 27 मई से 31 मई तक आयोजित होने वाली एशियाई एथलेटिक चैंपियनशिप के लिए क्वालीफिकेशन प्रतियोगिता के रूप में कार्य करेगा।

राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय सीनियर चैंपियनशिप 20 से 24 अगस्त तक चेन्नई में आयोजित की जाएगी जबकि राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप 27 से 30 सितंबर तक पुणे या बेंगलुरू में आयोजित की जाएगी।

एएफआई अध्यक्ष ने कहा कि शीर्ष भारतीय पैदल चाल खिलाड़ी मार्च में जापान के नोमी में एशियाई पैदल चाल प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे क्योंकि उनका ध्यासन मुख्य रूप से तोक्यो में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप पर होगा।

सुमारिवाला ने बताया, ‘‘भारत के पैदल चाल के मुख्य खिलाड़ियों ने मार्च में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन बाद में सत्र में प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘2025 में मुख्य रूप से ध्यान सितंबर में होने वाली वैश्विक प्रतियोगिता रहेगा इसलिए हमने मार्च में शीर्ष टीम को जापान नहीं भेजने का फैसला किया है।’’

एएफआई अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय टीम 13-21 सितंबर तक होने वाली विश्व एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप की तैयारी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भाग लेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘एएफआई ने हाशिये पर पड़े एथलीटों को अधिक मौके देने के लिए अगले साल से क्षेत्रीय प्रतियोगिता भी शुरू की है। क्षेत्रीय प्रतियोगिताएं अप्रैल से शुरू होंगी।’’

एएफआई की मुख्य प्रतियोगिता राष्ट्रीय अंतर-जिला एथलेटिक्स मीट (एनआईडीजेएएम) फरवरी में होगी।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता