लखनऊ, एक दिसंबर (भाषा) दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने रविवार को कहा कि वह ‘निश्चित रूप से’ अगले कुछ वर्षों तक खेलती रहेंगी और उनके दिमाग में 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक बना रहेगा।
सिंधू ने सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतकर लंबे समय से चले आ रहे खिताबी सूखे को खत्म करने के बाद राहत व्यक्त की और उम्मीद जताई कि यह परिणाम उनके शानदार करियर में एक और सफल दौर की शुरुआत करेगा।
इस 29 साल पूर्व विश्व चैंपियन ने अपने करियर के अंतिम चरण में चोट से मुक्त रहने की जरूरत पर जोर दिया।
सिंधू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस जीत से निश्चित रूप से मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा। 29 वर्ष का होना कई मायनों में फायदेमंद है क्योंकि मेरे पास बहुत अनुभव है। स्मार्ट और अनुभवी होना महत्वपूर्ण है और मैं निश्चित रूप से अगले कुछ वर्षों तक खेलूंगी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मुख्य लक्ष्य चोट से मुक्त रहना है जो बहुत महत्वपूर्ण है। लॉस एंजिल्स ओलंपिक अब भी बहुत दूर हैं। मैं निश्चित रूप से खेलूंगी, लेकिन अहम चीज चोट से मुक्त रहना और खेल का आनंद लेना है। अगर मैं फिट रहती हूं तो क्यों नहीं? ’’
सिंधू ने फाइनल में चीन की विश्व नंबर 119 वू लुओ यू को 21-14, 21-16 से हराकर टूर्नामेंट में तीसरी बार महिला एकल का खिताब जीता। इससे पहले उन्होंने 2017 और 2022 में भी खिताब जीता था।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मैं जीत गई। अब बस आराम करने और जनवरी में फिर से शुरुआत करने का समय है। मुझे उम्मीद है कि यह वापसी होगी और मैं कई और जीत की उम्मीद कर रही हूं। ’’
सिंधू ने कहा, ‘‘मैं मलेशिया, भारत, इंडोनेशिया और थाईलैंड में आगामी टूर्नामेंट में खेलूंगी। निश्चित रूप से हमें टूर्नामेंट चुनने होंगे क्योंकि मुझे यह तय करने के लिए काफी समझदार होना होगा कि क्या खेलना है और क्या नहीं। मुझे इस मामले में बहुत समझदार होने की जरूरत है। ’’
सिंधू ने अपना आखिरी खिताब जुलाई 2022 में सिंगापुर ओपन में जीता था। दुनिया की 18वें नंबर की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘कभी कभी जीत के बहुत करीब होते हुए भी बहुत दूर होती थी। पहले भी अच्छे मैच हुए लेकिन वे जीत में नहीं बदल पाए। मैं वापस आई और कड़ी मेहनत की। मेरे लिए यह जीत हासिल करना महत्वपूर्ण था। अब मैं राहत महसूस कर रही हूं। यह साल का अंत है और जीत के साथ साल खत्म करना शानदार है। ’’
वहीं 2021 विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल फाइनल में सिंगापुर के जिया हेंग जेसन तेह को 21-6, 21-7 से हराने के बाद कहा, ‘‘मैंने जिस तरह से तैयारी की और जिस तरह से मैच खेला, उससे मैं वास्तव में खुश हूं। मुझे अगले साल टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। मेरे पास अब नये सत्र तक कुछ समय है जिससे मुझे ट्रेनिंग करने और आगामी टूर्नामेंट पर ध्यान लगाने का समय मिलेगा। ’’
त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की महिला युगल जोड़ी ने चीन की बाओ ली जिंग और ली कियान पर 21-18, 21-11 की शानदार जीत के साथ अपना पहला सुपर 300 खिताब जीतकर भारत के लिए जश्न की शुरुआत की।
राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जोड़ी का हिस्सा गायत्री ने कहा, ‘‘हम जीतना चाहते थे, हम आक्रामक थे और अच्छी तरह से आगे बढ़ते रहे। यही रणनीति थी और हमने आज इसे अच्छी तरह से लागू किया। हम लय के साथ चलेंगे और देखते हैं कि भविष्य में क्या होता है। हम बहुत अधिक योजनायें नहीं बनाना चाहते हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा पहला स्वर्ण है और यह हम दोनों के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। इसने हमें बहुत आत्मविश्वास दिया है और हम अब विश्व टूर फाइनल्स का इंतज़ार कर रहे हैं। ’’
भाषा नमिता सुधीर
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