नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) भारतीय टीम के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने बुधवार को यहां कहा कि वह किसी मैच में पहले से ज्यादा रणनीति तय करने की बजाय परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढालने की कोशिश करते हैं।
भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ दो तीन मैचों की टी20 श्रृंखला में गुरुवार को यहां दूसरा मैच खेलगी।
युवा खिलाड़ियों से सजी भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंदबाजों में शामिल अर्शदीप ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘ मैं किसी मैच में किसी तय मानसिकता के साथ नहीं आता हूं। मैं ‘न्यूट्रल माइंडसेट (पहले से तय योजना के बिना) के साथ मैच में जाना पसंद करता हूं। मेरी कोशिश प्रतिद्वंद्वी टीम से पहले परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने की होती है।’’
टी20 विश्व कप विजेता अर्शदीप सिंह को भविष्य के बारे में चिंता करना या अतीत के बारे में सोचना पसंद नहीं है।
अपने दो साल के करियर में दो टी20 विश्व कप खेलने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मेरे जीवन का मंत्र है कि मौजूदा समय का लुत्फ उठाना। आज मेरा विश्राम करने का दिन है इसलिए मैं आज आराम करना पसंद करूंगा। कल की कल देखेंगे।’’
भारत के लिए 55 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेल चुके इस खिलाड़ी ने लाल गेंद प्रारूप से काउंटी क्रिकेट और फिर हाल ही में दलीप ट्रॉफी में प्रभावित किया।
इस वामहस्त गेंदबाज से जब टेस्ट मैचों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जहां भी मौका मिले, मैं सभी प्रारूपों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ विभिन्न परिस्थितियों में खेलने से खिलाड़ियों को अपने कौशल का पता लगाने का मौका मिलता है। यह विकेट चटकाने के तरीके और दबाव से उबरने के बारे में है। विभिन्न प्रारूपों में खेलना खिलाड़ियों को बहुत कुछ सिखाता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लाल गेंद में, आपको गेंदबाजी करने के लिए अधिक ओवर मिलते हैं, यह आपको धैर्य सिखाता है, यहां (टी20 में) आपको धैर्य की आवश्यकता नहीं है, आपको यह सोचना होगा कि एक बल्लेबाज क्या कर सकता है।’
पंजाब के इस गेंदबाज को जब बताया गया कि दिल्ली के इस मैदान में पिछले कुछ मैचों में बड़े स्कोर बने है तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सोच कर नहीं आया था कि यहां इतने रन बनते है, अब आपने मेरे मन में यह डाल दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल के बीते सत्र में हमारा (पंजाब किंग्स) यहां कोई मैच नहीं था लेकिन इस मैदान पर स्कोर देखकर मुझे विकेट देखने का मन नहीं हुआ। हम कल आएंगे और परिस्थितियों का आकलन करेंगे और उसके अनुसार योजना बनाएंगे। कोच और कप्तान विकेट को परख कर योजना तय करेंगे।’’
भाषा आनन्द पंत
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