नयी दिल्ली । ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट की मांग कभी नहीं की थी हालांकि आईओए की तदर्थ समिति ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की तरह उन्हें भी इसकी पेशकश की थी । उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग और विनेश को ट्रायल से छूट देने की पेशकश सरकार द्वारा पहलवानों की एकता तोड़ने की कोशिश है । साक्षी, विनेश और बजरंग ने डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई की थी । सिंह को बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिल गई । अमेरिका में अभ्यास कर रही साक्षी ने कहा ,‘‘ आप सभी को पता है कि हमने एशियाई खेलों की तैयारी के लिये सरकार से अतिरिक्त समय मांगा था । हमने ट्रायल दस अगस्त के बाद कराने का अनुरोध किया था । सरकार ने हमें समय भी दिया जिसके बाद हम यहां अभ्यास के लिये आये ।’’
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उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले तीन चार दिन में पता चला कि दो भारवर्गों में सीधे प्रवेश दिया जा रहा है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे भी ईमेल करने के लिये कहा गया था ताकि मेरे नाम पर भी विचार हो लेकिन मैने मना कर दिया । मैं ट्रायल के बिना नहीं जाना चाहती । मैं किसी भी टूर्नामेंट में कभी ट्रायल के बिना नहीं गई और आगे भी नहीं जाऊंगी । हमने बस ट्रायल के लिये अतिरिक्त समय की मांग की थी ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं इतना ही कहना चाहती हूं कि सभी को चयन का मौका मिलना चाहिये ।’’इससे पहले एक ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने दोनों को सीधे प्रवेश देकर पहलवानों की एकता तोड़ने की कोशिश की है ।
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