शिमला, 25 मार्च (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) की राष्ट्रीय संस्था के चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल से पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को अयोग्य ठहराए जाने के आदेश को रद्द करने की अपील मंगलवार को खारिज कर दी।
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने उच्च न्यायालय के 20 मार्च के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें ठाकुर की चुनाव लड़ने की पात्रता बहाल कर दी गई थी और बीएफआई को उनकी उम्मीदवारी की अनुमति देने के लिए नामांकन की समय सीमा बढ़ाने का निर्देश दिया गया था।
हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष राजेश भंडारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘बीएफआई अध्यक्ष ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने के लिए दो न्यायाधीशों की खंडपीठ से अपील की थी। लेकिन अदालत ने रोक नहीं लगाई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मामले की अगली सुनवाई सात अप्रैल को होगी।’’
बीएफआई अध्यक्ष सिंह ने सात मार्च को ठाकुर को अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसमें कहा गया था कि केवल निर्वाचित सदस्य ही चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। ठाकुर हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया कि वे निर्वाचित सदस्य नहीं हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीएफआई को चुनाव कराने के लिए कहा था, जबकि सात मार्च के आदेश पर रोक लगा दी गई थी जिसमें उन सभी लोगों को निर्वाचन मंडल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था जो अपने राज्य संघों के निर्वाचित सदस्य नहीं हैं।
दिल्ली और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों के फ़ैसलों के बाद निर्वाचन अधिकारी आरके गौबा ने चुनाव प्रक्रिया रोक दी थी। पहले यह चुनाव 28 मार्च को होने थे।
सिंह ने शुक्रवार को गौबा को पत्र लिखकर कहा कि बीएफआई दो उच्च न्यायालयों द्वारा जारी किए गए ‘परस्पर विरोधी आदेशों’ के कारण उच्चतम न्यायालय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहा है।
ये चुनाव मूल रूप से दो फरवरी को होने वाले थे।
भाषा आनन्द नमिता
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