Harbhajan Singh in BCCI : नई दिल्ली। दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) टीम इंडिया (Indian Cricke Team) के बड़े खिलाड़ी रहे हैं। भारतीय टीम ने मुश्किल वक्त में जब भी इस चैंपियन खिलाड़ी को याद किया उस समय उन्होंने बेखौफ उसका सामना किया। बात चाहे गेंदबाजी की हो या बल्लेबाजी की। कई मौकों पर भज्जी ने अपनी बल्लेबाजी से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
41 वर्षीय हरभजन ने पिछले महीने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने दिसंबर 2021 में अपने 23 साल के शानदार क्रिकेट करियर को विराम दिया। अब भज्जी अपनी दूसरी पारी कहां खेलते हैं, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
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भज्जी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वह अपनी ईमानदारी से किसी तरह का समझौता नहीं करने वाले हैं। टीम इंडिया के इस ‘टर्बनेटर’ से जब यह पूछा गया कि कोई भी खिलाड़ी जब संन्यास लेता है तो उसे लगता है कि बीसीसीआई ने पंगा नहीं लेना है क्योंकि आगे चलकर कोई बोर्ड में काम मिल जाएगा, कोच बन जाऊंगा या अधिकारी बन जाऊंगा। क्या आप भी इस तरह का कोई काम करना चाहते हैं? इसपर हरभजन ने कहा, ‘ देखिए, मैं ऐसा आदमी रहा हूं जो मुझे सही लगता है वही बोलता हूं। जिस शख्स को ईमानदार लोगों की जरूरत होगी वह जरूर मुझे बुलाकर कहेगा कि ये काम आप कर सकते हो। और मुझे किसी के तलवे नहीं चाटने हैं कि मुझे ये काम दिया जाए। चाहे वह किसी भी असोसिएशन का हो या किसी भी तरीके का हो। मुझे वह काम करना नहीं है। मैं अपनी मेहनत से आगे बढ़ा हूं।’
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हरभजन सिंह काफी समय तक भारतीय टीम के नंबर वन स्पिनर रहे। लेकिन साल 2011 के वर्ल्ड कप के बाद टीम में उनकी जगह पक्की नहीं रही। इसके बाद उन्होंने भारत के लिए बहुत कम मैच ही खेले। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी की टीम से उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था। वह 2015 वर्ल्ड कप की टीम का भी हिस्सा नहीं थे। हालांकि 2016 में भारत में हुए टी20 वर्ल्ड कप के लिए उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया गया था।
हरभजन ने इस दौरान बीसीसीआई को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि उन्हें आगे खेलने का मौका मिलता तो टेस्ट में आज उनकी विकेटों की संख्या में सौ से 150 तक का इजाफा देखने को मिलता। भज्जी ने कहा कि बोर्ड के कुछ अधिकारी मेरे खिलाफ थे।
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भज्जी ने कहा, ‘देखिए किस्मत ने मेरा बखूबी साथ दिया। लेकिन आसपास के जो फैक्टर थे उन्होंने थोड़ा साथ नहीं दिया। शायद वह पूरी तरह से मेरे खिलाफ थे। क्योंकि जिस तरह से मैं बोलिंग कर रहा था और जिस रफ्तार से मैं आगे बढ़ रहा था। 31 साल की उम्र में जब कोई 400 विकेट ले लेता है तो निश्चिततौर पर अगर वह अगले 4 या 5 साल भी क्रिकेट खेलता है तो मैं ज्यादा नहीं मेरे स्तर के हिसाब से यह कह सकता हूं कि 100 या 150 और विकेट तो लेता ही।’