ब्रिसबेन में बसे भारतीयों के लिये क्रिसमस की रौनक के बीच त्योहार से कम नहीं गाबा टेस्ट |

ब्रिसबेन में बसे भारतीयों के लिये क्रिसमस की रौनक के बीच त्योहार से कम नहीं गाबा टेस्ट

ब्रिसबेन में बसे भारतीयों के लिये क्रिसमस की रौनक के बीच त्योहार से कम नहीं गाबा टेस्ट

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Modified Date: December 11, 2024 / 04:20 PM IST
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Published Date: December 11, 2024 4:20 pm IST

(मोना पार्थसारथी)

ब्रिसबेन, 11 दिसंबर (भाषा ) लाल रंग की सजावट, संगीत की महफिलें, केक की खुशबू , सैंटा की पोशाक में बच्चे और रोशनी में सराबोर ब्रिसबेन । क्रिसमस की तैयारियां यहां जोरों पर हैं लेकिन यहां बसे भारतीयों के लिये गाबा पर उससे पहले 14 दिसंबर से शुरू हो रहा क्रिकेट टेस्ट भी किसी त्योहार से कम नहीं है ।

तीन साल पहले पहली बार आस्ट्रेलिया के इस गढ में मिली ऐतिहासिक टेस्ट जीत के बाद तो यहां भारतीय समुदाय इस मुकाबले को लेकर बेहद रोमांचित है ।

मैच के टिकट खरीदे जा चुके हैं और भारतीय रंग में रंगने के लिये संदूकों से नीली जर्सी बाहर आ चुकी है, तिरंगे मंगवाये जा चुके हैं और विराट कोहली, रोहित शर्मा तथा ऋषभ पंत के पोस्टरों का जुगाड़ किया जा रहा है । घरों में थेपले, मठरी, भाकरवड़ी और लड्डू भी बन रहे हैं जिनका लुत्फ स्टेडियम में उठाया जायेगा । मराठी, गुजराती, पंजाबी, दक्षिण भारतीय सभी क्रिकेट के रंग में रंगे हैं ।

पिछले बारह साल से ब्रिसबेन में रह रहे आईटी पेशेवर सचिन पंवार ने भाषा से कहा ,‘‘ हम अपने सभी भारतीय दोस्तों के साथ गाबा में मैच देखने जायेंगे । मेरे माता पिता भी महाराष्ट्र के कराड़ से आये हैं और वे भी साथ होंगे । भारतीय टीम तीन चार साल में यहां आती है और हम यही एक मैच देखने जाते हैं तो यह हमारे लिये त्योहार से कम नहीं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी आई (मां) ने खास तौर पर लड्डू, चकली और भाकरवड़ी बनाई है जिसका मजा हम मैच के साथ लेंगे । कुछ गुजराती दोस्त थेपला और पंजाबी परिवार मठरी लेकर आता है । हमारे लिये यह दावत से कम नहीं होता ।’’

एडीलेड में भारतीय टीम को दस विकेट से मिली हार से भी इनका उत्साह कम नहीं हुआ है चूंकि इन्हें विश्वास है कि वूलूंगाबा यानी गाबा के मैदान पर इतिहास दोहराया जायेगा । पिछली बार 2021 में खेले गए मैच की यादें अभी भी भारतीयों के जेहन में ताजा है जब आखिरी दिन 328 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया को उसके गढ में 32 साल में पहली बार पराजय का सामना कराया था ।

भारतीय टीम में उस समय स्टार बल्लेबाज विराट कोहली समेत कई प्रमुख खिलाड़ी नहीं थे और एडीलेड में 36 रन पर आउट होने की शर्मिंदगी झेलकर टीम यहां आई थी ।

जीवट और जुझारूपन की नयी परिभाषा लिखते हुए भारत ने यह टेस्ट जीता । पंत, चेतेश्वर पुजारा और मोहम्मद सिराज का प्रदर्शन याद करके भारतीयों के चेहरे पर अभी भी चमक आ जाती है ।

गुजरात के पाटण से आकर यहां बसे अल्केश चौधरी ने कहा ,‘‘ मुझे यकीन है कि हमारी टीम एक बार फिर विषमताओं पर जीत दर्ज करेगी । पंत टीम में है और शुभमन गिल भी । सिराज जबर्दस्त आक्रामक गेंदबाज है लिहाजा यह रोमांचक मैच होगा ।’’

क्वींसलैंड की राजधानी ब्रिसबेन में भारतवंशी 50000 से अधिक की तादाद में हैं । भारतीय समुदाय के यहां सोशल मीडिया पेज, क्रिकेट क्लब भी हैं जो सालाना टूर्नामेंट कराते हैं ।

क्वींसलैंड क्रिकेट के बहुसांस्कृतिक प्रोजेक्ट प्रमुख डॉक्टर आशुतोष मिश्रा ने कहा ,‘‘ भारतीय समुदाय इस मैच को लेकर काफी उत्साहित है । यह क्रिसमस और छुट्टियों का समय है और यह मैच ही हमारे लिये त्योहार से कम नहीं । हमारे यहां कई भारतीय समुदाय क्रिकेट क्लब है जो काफी सक्रिय हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हमारे यहां ब्रिसबेन मराठा वारियर्स टीम भी है और उनके मैचों में ढोल , ताशे, भारतीय व्यंजन सभी कुछ होता है । उनका अपना फेसबुक पेज है जिस पर 400 से अधिक फालोअर्स हैं । इसके अलावा गोल्ड कोस्ट में भी एक भारतीय क्लब है जिसके सदस्य भी मैच देखने आ रहे हैं ।’’

ब्रिसबेन मराठा वारियर्स गाबा टेस्ट की पूर्व संध्या पर ‘पिच टू परपस’ चैरिटी फंडरेजर का भी सह आयोजन कर रहा है जिसमें महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का उद्बोधन होगा ।

इस मैच को लेकर भारतीय ही नहीं आस्ट्रेलियाई भी काफी रोमांचित हैं और उनका मानना है कि भारत . आस्ट्रेलिया क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता एशेज के समकक्ष जा रही है ।

पंद्रह बरस के मैक्स ने कहा ,‘‘ मुझे जसप्रीत बुमराह बहुत पसंद है और पहली बार उन्हें खेलते देखूंगा । मुझे इस मैच का इंतजार है ।’’

वहीं सचिन तेंदुलकर के प्रशंसक जॉन ओब्रायन ने कहा ,‘‘ यह काफी करीबी मैच होगा । दोनों टीमों की क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता एशेज के बराबर पहुंचती जा रही है । मुझे लगता है कि भारतीय टीम वापसी कर सकती है और पहले भी ऐसा कर चुकी है । हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा ।’’

भाषा मोना

पंत

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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