निकोलस पूरण के साथ बल्लेबाजी करने में आनंद आता है: मार्श

निकोलस पूरण के साथ बल्लेबाजी करने में आनंद आता है: मार्श

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  • Publish Date - March 28, 2025 / 12:32 PM IST,
    Updated On - March 28, 2025 / 12:32 PM IST

हैदराबाद, 28 मार्च (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर मिचेल मार्श ने कहा कि उन्हें लखनऊ सुपर जाइंट्स के अपने साथी खिलाड़ी निकोलस पूरण के साथ बल्लेबाजी करने में आनंद आता है और उन्हें खुशी है कि वेस्टइंडीज का यह आक्रामक बल्लेबाज अन्य लीग की तरह विरोधी टीम में नहीं है।

पूरण लखनऊ की सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ आसान जीत के नायक रहे। उन्होंने केवल 26 गेंद पर 70 रन बनाए। मार्श ने 31 गेंद पर 52 रन बनाकर उनका अच्छा साथ दिया। इन दोनों बल्लेबाजों ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ पहले मैच में भी अर्धशतक जड़े थे।

मार्श ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूरण की बल्लेबाजी के लिए मेरे पास एक ही शब्द है आकर्षक। मैं लंबे समय से उसके खिलाफ खेलता रहा हूं और उसकी इस तरह की बल्लेबाजी का मुझे हमेशा खामियाजा भुगतना पड़ा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब हम जबकि एक ही टीम में हैं तो मुझे लगता है कि हमारे बीच बहुत अच्छा तालमेल है और उम्मीद है कि मैं उसके साथ आगे भी काफी बल्लेबाजी करूंगा।’’

पूरण जब लय में होता है तो मार्श उनके साथ बहुत अधिक बातचीत करके उनका ध्यान भंग नहीं करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ ईमानदारी से कहूं तो हमारे बीच बहुत अधिक बातचीत नहीं होती है। जब कोई बल्लेबाज इस तरह की लय में हो तो आप केवल साझेदारी बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। आज के मैच में उसे रोकना बहुत मुश्किल था।’’

मार्श ने युवा तेज गेंदबाज प्रिंस यादव की भी प्रशंसा की जिन्होंने चार ओवर में 29 रन देकर ट्रैविस हेड का महत्वपूर्ण विकेट लिया और हेनरिक क्लासेन को रन आउट किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में उस पर गर्व है। उसकी गेंदबाजी में बहुत नियंत्रण था। इस तरह के लंबे टूर्नामेंट में आपकी टीम की गहराई की परीक्षा होती है और उसने सत्र के शुरू में ही जिम्मेदारी बखूबी निभाई।’’

इस बीच सनराइजर्स के धाकड़ बल्लेबाज क्लासेन ने कहा कि उनकी टीम बड़ा स्कोर नहीं बना सकी जिससे उसे हार का सामना करना पड़ा।

क्लासेन ने कहा, ‘‘इस विकेट पर 210 से लेकर 220 रन का स्कोर बराबरी का होता। हमने महत्वपूर्ण मौकों पर लगातार विकेट गंवाए और यह ऐसा क्षेत्र है जिस पर हमें काम करने की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसा नहीं हो।’’

          भाषा पंत आनन्द

आनन्द