ईसीबी को बीसीसीआई को हंड्रेड में थोड़ी हिस्सेदारी की पेशकश करनी चाहिए: लंकाशर सीईओ गिडनी
ईसीबी को बीसीसीआई को हंड्रेड में थोड़ी हिस्सेदारी की पेशकश करनी चाहिए: लंकाशर सीईओ गिडनी
लंदन, 23 अप्रैल (भाषा) इंग्लैंड की काउंटी टीम लंकाशर के सीईओ डेनियल गिडनी ने कहा है कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को भारतीय खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में आकर्षित करने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को ‘द हंड्रेड’ में अल्पमत हिस्सेदारी की पेशकश करनी चाहिए।
भले ही भारतीय पुरुष खिलाड़ियों को आईपीएल के बाहर खेलने के लिए ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ जारी नहीं किया जाता है लेकिन इस टी20 लीग की फ्रेंचाइजी के मालिकों ने दुनिया भर में अपना विस्तार किया है और एसए20 (दक्षिण अफ्रीका), आईएलटी20 (यूएई), कैरेबियाई प्रीमियर लीग (वेस्टइंडीज) और मेजर लीग क्रिकेट (यूएसए) में उनकी हिस्सेदारी है।
‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ के अनुसार गिडनी का मानना है कि ‘समान हित’ भारतीय खिलाड़ियों को द हंड्रेड में प्रतिस्पर्धा करने के लिए लाने का तरीका होगा।
गिडनी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह संभव है। अगर मैं ईसीबी होता तो मैं शायद बीसीसीआई को पूरे टूर्नामेंट में अल्पमत भागीदार के रूप में लाने की बात करता। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप समान हितों की बात कर रहे हैं।’’
भारतीय पुरुष खिलाड़ी केवल आईपीएल में खेलते हैं लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना सहित देश की महिला क्रिकेटरों ने इंग्लैंड की द हंड्रेड और ऑस्ट्रेलिया की महिला बिग बैश लीग में भाग लिया है।
गिडनी ने कहा, ‘‘यह संभवतः द हंड्रेड में (भारतीय) खिलाड़ियों को लाने का सबसे अच्छा मौका है। यह इच्छाशक्ति और दोनों पक्षों के व्यक्तियों पर निर्भर करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई अपने ब्रांड की रक्षा करने में बेहद सफल रहा है और उसने सुनिश्चित किया है कि वे दुनिया में कहीं भी किसी भी टी20 टूर्नामेंट में खेलने की योजना नहीं बनाएं।’’
गिडनी ने कहा, ‘‘अगर मैं बीसीसीआई होता तो मुझे कहना पड़ता कि मुझे मौजूदा नीति में ढील देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन की आवश्यकता होगी क्योंकि यह असाधारण रूप से सफल रही है और इसने आईपीएल को एक विशाल वाणिज्यिक इकाई के रूप में विकसित किया है।’’
भाषा सुधीर मोना
मोना

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