(कुशान सरकार)
नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम तीन टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में गए चुने तेज गेंदबाज आकाशदीप ने शनिवार को कहा कि उन्हें इतनी जल्दी राष्ट्रीय टीम में शामिल होने की उम्मीद नहीं थी।
पिछले सत्र में बंगाल और भारत ए की तरफ से लाल गेंद की क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले आकाशदीप ने पीटीआई से कहा,‘‘मुझे उम्मीद थी कि अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखता हूं तो मुझे निकट भविष्य में टेस्ट टीम में चुन लिया जाएगा लेकिन मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी कि तीसरे मैच में ही मुझे राष्ट्रीय टीम में जगह मिल जाएगी।’’
इस 27 वर्षीय खिलाड़ी ने दुर्गापुर में टेनिस बॉल क्रिकेट से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। वह बिहार के रहने वाले हैं जहां एक समय क्रिकेट को करियर के रूप में नहीं देखा जाता था।
उन्होंने कहा,‘‘बिहार में तब (भारतीय क्रिकेट बोर्ड से निलंबित होने के कारण) क्रिकेट के लिए कोई उचित मंच नहीं था विशेष कर सासाराम में जहां का मैं रहने वाला हूं, वहां क्रिकेट खेलना अपराध माना जाता था। कितने ही माता-पिता अपने बच्चों से कहते थे कि आकाश से दूर रहो। वह पढ़ाई नहीं करता और उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगे।’’
आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं में भाग लेने के लिए कहते थे।
उन्होंने कहा,‘‘मेरे पिताजी मुझे बिहार पुलिस कांस्टेबल या राज्य सरकार में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की परीक्षा देने के लिए कहते थे। वह उन सरकारी नौकरी के आवेदन पत्र भरते थे और मैं परीक्षा देने जाता था और खाली फॉर्म जमा करके वापस आ जाता था।
आकाश ने इस बीच 6 महीने के अंदर अपने पिता और बड़े भाई को खो दिया, जिससे सारे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई।
उन्होंने कहा,‘‘मेरे पापा और भैया का 6 महीने में देहांत हो गया। मेरे पास अब खोने के लिए कुछ नहीं था। यही प्रेरणा थी कि मुझे कुछ करना है क्योंकि परिवार की जिम्मेदारी लेनी है।’’
एक दोस्त की मदद से उन्हें पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक क्लब की तरफ से खेलने का मौका मिला लेकिन उनकी कमाई टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने से होती थी।
आकाशदीप ने कहा,‘‘मैं अपने क्लब की तरफ से लेदर बॉल की क्रिकेट खेलता था लेकिन शुरू में उससे कमाई नहीं होती थी इसलिए मैं महीने के तीन या चार दिन टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था जिससे मुझे प्रतिदिन 6000 रुपए मिल जाते थे। इस तरह से महीने में मैं 20000 रुपए कमा लेता था।’’
भाषा
पंत
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