नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) पोडियम की दावेदार प्रीति लांबा ने रविवार को वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन से पहले शहर में खराब होती वायु गुणवत्ता के कारण सांस लेने में हो रही समस्या की बात स्वीकार की और कहा कि सिर्फ भारतीय ही वायु प्रदूषण के बारे में चिंतित हैं जबकि विदेशी एथलीट जीतने के बारे में सोचते हैं।
दिल्ली हाफ मैराथन में पहले भी कई बार हिस्सा ले चुकीं प्रीति भारतीय प्रतिभागियों में शीर्ष तीन में जगह बनाना चाहती हैं। वह 2022 में भारतीय महिला धावकों में तीसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने 2015, 2016 और 2020 में भी भाग लिया था।
उनकी पसंदीदा स्पर्धा हालांकि 3000 मीटर स्टीपलचेज है जिसमें उन्होंने पिछले साल हांग्झोउ एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था।
प्रीति (28 वर्ष) ने शनिवार को मैराथन से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘शाम को दिल्ली में धूल थी, इसमें कोई संदेह नहीं है। गले में धूल के कारण मुझे सांस लेने में थोड़ी दिक्कत हुई। लेकिन यहां दो दिन में सब ठीक हो गया है। मैंने परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है और यह कोई नई बात भी नहीं है। विदेशी एथलीट भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। यह सिर्फ हमारे लिए ही चिंता की बात क्यों है? हम भारतीय हमेशा वायु प्रदूषण या गर्मी के बारे में सोचते हैं जबकि विदेशी एथलीट सिर्फ दौड़ जीतने के बारे में सोचते हैं। ’’
पिछले तीन दिन से दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है।
भाषा नमिता पंत
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