नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) को खेल संहिता के प्रावधानों से दी गई छूट को रद्द करते हुए चार महीने के अंदर चुनाव कराने का निर्देश दिया।
अदालत ने इसके साथ ही एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के मामलों को देखने के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति को नियुक्त किया।
ईएफआई ने अक्टूबर 2021 में मंत्रालय से खेल संहिता में उस प्रावधान में ढील देने की मांग की थी जिसके तहत एनएसएफ को देश के कुल राज्यों में से कम से कम दो-तिहाई को संबद्ध इकाइयों के रूप में रखना आवश्यक है।
ईएफआई ने तर्क दिया था कि खेल की विशिष्ट प्रकृति के कारण सभी राज्यों के पास इस खेल के संचालन की सुविधाएं और बुनियादी ढांचा होना संभव नहीं है।
ईएफआई के अनुरोध पर सहमति व्यक्त करते हुए मंत्रालय ने नौ नवंबर, 2021 को इन प्रावधानों में ढील दी थी और इस एनएसएफ को व्यक्तिगत क्लबों और संस्थानों को मतदान के अधिकार के साथ सदस्यता प्रदान करने की अनुमति दी थी।
छूट तब तक दी गई थी जब तक ईएफआई की कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों में संबद्ध इकाइयां नहीं थीं।
राजस्थान घुड़सवारी संघ ने इस छूट को चुनौती दी थी।
ईएफआई में 202 क्लब और 16 संस्थान हैं लेकिन इस फैसले के बाद उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होगा। इस फैसले का आगामी चुनावों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अब केवल 12 राज्य संघों के पास मतदान का अधिकार रह गया है।
उन 12 में से भी कई खेल संहिता का अनुपालन नहीं कर रहे हैं, जिससे महासंघ के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है।
उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी (सेवानिवृत्त) के नेतृत्व में तथ्यान्वेषी समिति का भी गठन किया, जो यह अध्ययन करेगी कि ईएफआई को छूट क्यों दी गई। यह समिति तीन महीने में अपने रिपोर्ट पेश करेगी।
राजस्थान घुड़सवारी संघ के अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह डूंडलोद ने कहा, ‘‘यह पांचवीं बार है कि अदालत ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है। अदालत ने 11 अप्रैल 2023 को भी हमारे विचार का समर्थन करते हुए क्लबों को चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनाने को खेल संहिता का उल्लंघन करार दिया था।’’
ईएफआई महासचिव जयवीर सिंह ने कहा कि जब तक फैसले पर स्पष्टता नहीं हो जाती वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
जयवीर ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘हमें अभी तक विस्तृत आदेश नहीं मिला है। मुझे आदेश पढ़ने दीजिए, उसके बाद ही मैं कोई टिप्पणी कर पाऊंगा।’’
भाषा आनन्द सुधीर
सुधीर