नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका पर केंद्र और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा जिसमें आरोप लगाया गया है कि महासंघ के महासचिव के रूप में अनिलकुमार प्रभाकरण की नियुक्ति राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने दिल्ली फुटबॉल क्लब के निदेशक रंजीत बजाज की याचिका पर केंद्रीय खेल मंत्रालय, एआईएफएफ के साथ-साथ प्रभाकरण को नोटिस जारी करके दो सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने प्रभाकरण को पद से हटाने की मांग की और कहा कि उन्हें महासचिव पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता था क्योंकि उन्हें पहले एआईएफएफ कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में चुना गया था।
एआईएफएफ ने पिछले साल जुलाई में केरल के रहने वाले प्रभाकरण को अपना महासचिव नियुक्त किया था।
भाषा पंत सुधीर
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