नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) खेल पंचाट (सीएएस) ने सोमवार को कुवैत के शेख तलाल फहद अल-सबा द्वारा 2023 में एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) के अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव को मान्यता नहीं देने के अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के फैसले के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया।
इस घटनाक्रम ने आठ सितंबर को इस महाद्वीपीय ओलंपिक निकाय की आम सभा में शीर्ष पद के लिए चुने जाने के बाद भारत के अनुभवी रणधीर सिंह के ओसीए प्रमुख के रूप में बने रहने की सभी बाधाओं को दूर कर दिया।
विश्व खेल के शीर्ष न्यायाधिकरण स्विट्जरलैंड स्थित खेल पंचाट ने शेख तलाल फहद अल-सबा द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। शेख तलाल फहद के बड़े भाई शेख अहमद अल-फहद अल-सबा 1991 से 2022 तक ओसीए के शीर्ष अधिकारी रहे हैं।
ओसीए ने ‘एक्स’ पर जारी बयान में कहा, ‘‘ खेल पंचाट(सीएएस) ने राजा रणधीर सिंह की अध्यक्षता वाले एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) के पक्ष में आज फैसला सुनाया।’’
इसके मुताबिक, ‘‘ खेल पंचाट ने 13 दिसंबर 2023 को शेख तलाल फहद अल-सबा द्वारा दर्ज अपील को अस्वीकार्य करार देते हुए खारिज कर दिया। उसने शेख तलाल को मामले की कानूनी लागत का भुगतान करने का आदेश दिया।’’
जालसाजी का दोषी पाये जाने पर सितंबर 2021 में खेल पंचाट के फैसले के बाद शेख अहमद अल-फहद अल-सबा के अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने सिंह को ओसीए का कार्यवाहक प्रमुख नियुक्त किया था।
शेख अहमद अल-फहद अल-सबा पर खेल प्रशासन से 15 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया।
जुलाई 2023 में बैंकॉक में हुए चुनाव में शेख अहमद के छोटे भाई शेख तलाल को ओसीए अध्यक्ष चुना गया लेकिन आईओसी ने चुनावों को मान्यता देने से इनकार कर दिया। आईओसी का मानना था कि शेख अहमद ने चुनाव में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने छोटे भाई को संगठन का प्रमुख बना दिया।
शेख तलाल ने आईओसी के इस फैसले के खिलाफ खेल पंचाट में अपील दायर की थी, जिसे सोमवार को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया गया।
आईओसी के पूर्व सदस्य (2001-2014) और भारतीय ओलंपिक संघ (1987-2012) के पूर्व महासचिव 77 वर्षीय सिंह पांच बार के ओलंपिक निशानेबाज भी रह चुके हैं।
वह इस पद पर काबिज होने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं।
भाषा आनन्द पंत
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