इस्लामाबाद, 16 नवंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारत के कड़े विरोध पर तुरंत अमल करते हुए पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी के प्रदर्शनी दौरे के लिए शनिवार को जारी कार्यक्रम में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के शहरों को शामिल नहीं किया।
ट्रॉफी अब खैबर पख्तूनवाला क्षेत्र के एबटाबाद के अलावा कराची, रावलपिंडी और इस्लामाबाद में प्रदर्शित की जाएगी।
ट्रॉफी सबसे पहले पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में प्रदर्शित की जाएगी। इसके बाद वह देश के अन्य शहरों तक्षशिला और खानपुर (17 नवंबर), एबटाबाद (18 नवंबर), मुरी (19 नवंबर) और नाथिया गली (20 नवंबर) की यात्रा करेगी। उसकी इस यात्रा का समापन कराची (22-25 नवंबर) में होगा। ट्रॉफी जिन शहरों से होकर गुजरेगी उनमें अधिकतर शहर पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने 14 नवंबर को जिस कार्यक्रम की घोषणा की थी उनमें भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र पीओके के स्कर्दू, हुंजा और मुजफ्फराबाद जैसे शहर भी शामिल थे।
पीटीआई ने शुक्रवार को रिपोर्ट दी थी कि पीसीबी के कार्यक्रम में पीओके को शामिल किए जाने पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने आईसीसी के सामने कड़ा विरोध दर्ज किया। विश्व संस्था ने इस पर तुरंत अमल करते हुए शनिवार को जारी कार्यक्रम में पीओके के शहरों को हटा दिया।
पाकिस्तान के दौरे के बाद ट्रॉफी को अफगानिस्तान (26-28 नवंबर), बांग्लादेश (10-13 दिसंबर), दक्षिण अफ्रीका (15-22 दिसंबर), ऑस्ट्रेलिया (25 दिसंबर से पांच जनवरी), न्यूजीलैंड (6-11 जनवरी), इंग्लैंड (12-14 जनवरी) और भारत (15-26 जनवरी) ले जाया जाएगा।
पाकिस्तान के बाहर ट्रॉफी को किन शहरों में प्रदर्शित किया जाएगा, इसका कार्यक्रम आईसीसी बाद में जारी करेगी।
पाकिस्तान इस प्रतियोगिता का मौजूदा चैंपियन है, जिसने 2017 में लंदन के ओवल में फाइनल में भारत को हराकर खिताब जीता था।
इस बार टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर आशंका बनी हुई है क्योंकि रिपोर्टों के अनुसार भारत ने पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया है। आईसीसी समाधान ढूंढने के लिए पीसीबी से बातचीत कर रही है। इनमें हाइब्रिड मॉडल अपनाना या पाकिस्तान के बाहर जैसे कि संयुक्त अरब अमीरात या दक्षिण अफ्रीका में इसका आयोजन करना भी शामिल है।
पीसीबी के सूत्रों ने कल कहा था कि ट्रॉफी का दौरा कार्यक्रम आईसीसी से मंजूरी मिलने के बाद जारी किया गया था और यह पीसीबी का एक तरफा फैसला नहीं था।
भाषा पंत नमिता
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