नई दिल्लीः Interesting Story of Australia Tour जब विराट कोहली ने तेज गेंदबाज आकाश दीप से पूछा कि क्या उसे उनका बल्ला चाहिये तो इस शर्मीले खिलाड़ी के मुंह से इतना ही निकला,‘ किसे नहीं चाहिये होगा भैया।’ उसी बल्ले से आकाश दीप ने आस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ब्रिसबेन टेस्ट में 31 रन की पारी खेलकर फॉलोआन बचाया था । भारतीय टीम हालांकि श्रृंखला 1.3 से हार गई। आकाश दीप ने दो टेस्ट खेलकर 87 . 5 ओवर डाले और पांच विकेट भी मिले। उन्होंने पीटीआई से खास बातचीत में कहा ,‘‘ हां वह विराट भैया का बल्ला था जिस पर एमआरएफ का लोगो है । सभी को पता है ।’’ बंगाल के इस गेंदबाज ने कहा ,‘‘ भैया (कोहली) ने खुद मुझसे पूछा कि तुमको बैट चाहिये । मैने बोला कि हांग भैया, आपका बल्ला कौन नहीं लेना चाहेगा दुनिया में । उसके बाद उन्होंने मुझे बल्ला दिया ।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि कोहली जैसे कद के सीनियर खिलाड़ी के सामने खड़ा होकर बल्ला मांगने की हिम्मत उनमें नहीं थी ।
Interesting Story of Australia Tour उन्होंने कहा ,‘‘ मैं कुछ समय से भैया के साथ खेल रहा हूं । (दोनों रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू टीम में हैं) । आपके दिमाग में हमेशा यह बात चलती है कि क्या विराट भैया जैसे बड़े खिलाड़ी का बल्ला मांगना सही होगा । ’’ आकाश दीप ने कहा ,‘‘ मैच के दौरान जब वह अपने खेल पर पूरा फोकस रखते हैं, आप उन्हें परेशान नहीं करना चाहते लेकिन भैया ने मुझे खुद बल्ला दिया ।’’ ब्रिसबेन में ड्रॉ रहे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के साथ आखिरी विकेट के लिये 47 रन की साझेदारी के बारे में पूछने पर ससाराम में जन्मे इस खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ मैं उस दिन सोचकर उतरा था कि शरीर पर कितने ही हमले क्यो न हों, मैं आउट नहीं होने वाला । मुझे रन बनाने थे और लंबे समय तक टिककर खेलना था । फॉलोआन बचाने की बात ध्यान में नहीं थी।’’ उन्हें भले ही पांच ही विकेट मिले हों लेकिन उन्होंने लगातार गेंदबाजी की । वह बदकिस्मत रहे कि उनकी कुछ बेहतरीन गेंदों पर कैच छूटे।
आकाश दीप ने कहा ,‘‘ रोहित भैया को मुझ पर काफी भरोसा था कि मैं कभी भी विकेट ले सकता हूं। वो बोलते हैं कि मुझको लगता है कि तुम हर गेंद पर विकेट ले सकते हो। मुझे यही कहा गया कि अगर विकेट नहीं भी मिलते हैं तो रन गति को रोकना है।’’ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज बुमराह को गेंदबाजी करते देखने से उन्होंने काफी कुछ सीखा। उन्होंने कहा ,‘‘ उसे देखकर काफी कुछ सीखा जा सकता है । वह मुझे बताते रहते थे जिससे मेरे लिये गेंदबाजी करना आसान हो गया।’’ उन्होंने कहा कह आस्ट्रेलिया की पिचों पर गेंदबाजी करने से उन्होंने काफी कुछ सीखा । उनहोंने कहा ,‘‘ आस्ट्रेलिया से पहले मैने सिर्फ भारत में खेला था और यहां तेज गेंदबाजों पर उतना दबाव नहीं होता क्योंकि हमारे पास बेहतरीन स्पिनर हैं। लेकिन विदेश में लंबे स्पैल फेंककर आप अपनी गेंदबाजी के बारे में काफी कुछ सीखते हैं । पिच और हालात के अनुकूल गेंदबाजी करनी होती है । मुझे लगता है कि वहां गेंदबाजी करके मैं बेहतर गेंदबाज बना हूं।’’