BCCI changed the rules of domestic cricket: मुंबई: क्रिकेट को और भी पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए इसके नियमों में अक्सर फेरबदल किये जाते रहे है। प्रयास होता है कि क्रिकेट के नियम सभी क्षेत्रो पर सामान रूप से लागू हो। यह ना हो ज्यादा बल्लेबाजों तो न ही गेंदबाजों को फायदा पहुँचाने वाला हो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् क्रिकेट के नियमों को लेकर अक्सर समीक्षा भी करती है। इसके लिए वह अलग अलग देशो के क्रिकेट बोर्ड से सलाह भी लेती है।
BCCI changed the rules of domestic cricket: बात करें दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपने घरेलु क्रिकेट से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया है। इनमें बड़ा बदलाव पारी के बीच में रिटायर होने का है। कई बार ऐसा होता था कि कोई बल्लेबाज बिना बात के या दूसरों को मौका देने के लिए रिटायर हो जाता था। अगर टीम को जरूरत पड़ती तो वह दोबारा बैटिंग करने आता था। अब ऐसा नहीं होगा। बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि सिर्फ चोटिल होने पर ही ‘रिटायर्ड हर्ट’ की सुविधा होगी।
BCCI changed the rules of domestic cricket: वेबसाइट क्रिकबज के अनुसार नए नियम में साफ है कि अगर प्लेयर को खेलते वक्त इंजरी होती है तो वह इनिंग्स के बीच में रिटायर हो सकता है और उसे दोबारा बैटिंग करने की छूट भी मिलेगी। चोट से अलग अगर किसी भी कारण से बैटर पारी के बीच में रिटायर होता है तो उसे दोबारा बैटिंग का अवसर नहीं दिया जाएगा. यह नियम सिर्फ उस पारी में ही नहीं, बल्कि सुपरओवर (अगर जरूरत पड़ी) में भी लागू किया जा सकेगा।
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