नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को कोविड के कारण कम अवधि का कर दिये गये 2020-21 सत्र से प्रभावित घरेलू क्रिकेटरों के लिये मुआवजे के तौर पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त मैच फीस की घोषणा की और इसके साथ ही आगामी सत्र के लिये शुल्क में बढ़ोतरी भी की।
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल पहली बार रणजी ट्राफी का आयोजन नहीं हो पाया था जिससे कई भारतीय क्रिकेटरों को वित्तीय परेशानियों से जूझना पड़ा। इन खिलाड़ियों के लिये बीसीसीआई के मुआवजे की लंबे समय से प्रतीक्षा थी।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ट्वीट करके कहा, ‘‘जिन क्रिकेटरों ने 2019-20 के घरेलू क्रिकेट सत्र में हिस्सा लिया था उन्हें 2020-21 सत्र के लिये मुआवजे के तौर पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त मैच फीस दी जाएगी।’’
मुआवजे देने और मैच फीस में बढ़ोतरी करने का फैसला सोमवार को बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की बैठक में किया गया।
जिन रणजी खिलाड़ियों ने 40 से अधिक मैच खेले हैं उनकी मैच फीस लगभग दोगुनी 60 हजार रुपये प्रतिदिन हो गयी है जिसका मतलब है कि खिलाड़ी एक मैच से दो लाख 40 हजार रुपये कमा सकते हैं।
जिन खिलाड़ियों ने 21 से 40 मैच खेले हैं उन्हें प्रतिदिन 50 हजार रुपये जबकि इससे कम अनुभव रखने वाले क्रिकेटरों को प्रतिदिन 40 हजार रुपये मिलेंगे।
बीसीसीआई के इस कदम से अंडर-16 से लेकर सीनियर स्तर तक लगभग 2000 क्रिकेटरों को लाभ मिलेगा।
शाह ने इसके साथ ही कहा कि घरेलू खिलाड़ियों को बढ़ी हुई मैच फीस का भुगतान किया जाएगा।
घोषणा के अनुसार अंडर-23 और अंडर-19 क्रिकेटरों को क्रमश: 25,000 और 20,000 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे।
शाह ने कहा, ‘‘मुझे घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में बढ़ोतरी करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।’’
इससे पहले रणजी ट्राफी में अंतिम एकादश में जगह बनाने वाले खिलाड़ी को 35,000 रुपये प्रतिदिन मिलते थे। सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के लिये बीसीसीआई प्रति मैच 17,500 रुपये भुगतान करता था।
बीसीसीआई ने इसके साथ ही महिला क्रिकेटरों के लिये भी नये पारिश्रमिक की घोषणा की तथा वरिष्ठ खिलाड़ियों को अब प्रति मैच 12,500 रुपये के बजाय 20,000 रुपये मिलेंगे।
मैच फीस के वृद्धि एक कार्यसमिति की सिफारिश पर की गयी जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन, युद्धवीर सिंह, संतोष मेनन, जयदेव शाह, अविषेक डालमिया, रोहन जेटली और देवजीत सैकिया शामिल थे।
भाषा पंत आनन्द
आनन्द