नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) भारत में बैडमिंटन कोच की संख्या भले ही बढ़ गई हो लेकिन बेहतर सुविधाएं नहीं मिलने के कारण उनके विदेशों में पलायन की दर भी काफी अधिक है तथा भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) इसी को ध्यान में रखकर भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के साथ मिलकर इस पर काम कर रहा है।
इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय बैडमिंटन कोचों के वेतन में बढ़ोतरी करना है।
पिछले तीन वर्षों में पारुपल्ली कश्यप और आरएमवी गुरुसाईदत्त जैसे शीर्ष खिलाड़ियों ने पूर्णकालिक कोच के रूप में काम करना शुरू किया है, जो एचएस प्रणय, किदांबी श्रीकांत और प्रियांशु राजावत जैसे पुरुष एकल खिलाड़ियों के अलावा कई युवा खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं।
एशियाई खेलों और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले मनु अत्री और बी सुमित रेड्डी की पूर्व पुरुष युगल जोड़ी ने युवा युगल खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। भारत के कई कोच अच्छा वेतन और सुविधा नहीं मिलने के कारण विदेश चले गए हैं। साइना नेहवाल और श्रीकांत जैसे खिलाड़ियों के साथ काम कर चुके मोहम्मद सियादतुल्ला सिद्दीकी पिछले साल अमेरिका में ओरेगॉन बैडमिंटन अकादमी से जुड़ गए।
विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता बी साई प्रणीत ने मार्च 2024 में एक अमेरिकी क्लब में कोचिंग की भूमिका निभाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से संन्यास ले लिया। युगल कोच अरुण विष्णु ने भी हाल में राष्ट्रीय टीम छोड़ दी थी और अब वह नागपुर में अपनी अकादमी खोलने जा रहे हैं।
अरुण ने पीटीआई से कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हमें भारतीय कोच का वेतन बढ़ाना होगा नहीं तो वह लंबे समय तक नहीं टिके रहेंगे। विदेशी कोच को अच्छा वेतन मिलता है लेकिन भारतीय कोच को उसका एक चौथाई वेतन भी नहीं दिया जाता है। यह मुख्य मुद्दा है।’’
बीएआई सचिव संजय मिश्रा ने स्वीकार किया कि यह एक मुद्दा है लेकिन उन्होंने कहा कि इसके लिए योजना तैयार की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिजियोथेरेपिस्ट और प्रशिक्षकों सहित सहायक कर्मचारियों के वेतन में 50 से 75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और उन्हें पिछले चार महीनों से संशोधित वेतन मिल रहा है। अब बीएआई राष्ट्रीय शिविर में काम करने वाले कोचों के वेतन में बढ़ोतरी करने की योजना बना रहा है।’’
मिश्रा ने कहा, ‘‘अभी कोचों को भत्ता मिलता है, लेकिन हम एक नए प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं जिसके अनुसार राष्ट्रीय शिविर के आठ कोचों को विभिन्न केंद्रों में लाए गए विदेशी कोचों के तहत रखा जाएगा। इससे उनके वेतन में पर्याप्त वृद्धि होगी। इसमें पूर्व खिलाड़ियों को भी शामिल किया जाएगा और हम उन्हें शिविर में शामिल करना चाहेंगे।’’
भाषा पंत नमिता
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