नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष पद के लिए इस सप्ताह होने वाले चुनावों में मौजूदा अध्यक्ष रोहन जेटली को चुनौती देने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने मौजूदा अधिकारियों पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से मिले लगभग 140 करोड़ रुपये का केवल एक हिस्सा ही खर्च किया।
पीटीआई द्वारा संपर्क करने के प्रयासों के बावजूद जेटली सहित डीडीसीए के मौजूदा पदाधिकारियों ने आजाद के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
डीडीसीए की बैलेंस शीट के अनुसार राज्य इकाई को पिछले वित्तीय वर्ष में बीसीसीआई से 70 करोड़ रुपये की अनुदान आय (अनुदान या सब्सिडी के रूप में प्राप्त धन) प्राप्त हुई जबकि आईपीएल आय, बीसीसीआई से मैच फीस और अंतरराष्ट्रीय मैचों की टिकट बिक्री सहित अन्य स्रोतों से उसे लगभग 67 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
आजाद ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘डीडीसीए को बीसीसीआई से प्रति वर्ष 140 करोड़ रुपये मिलते हैं, लगभग 12 करोड़ रुपये प्रति माह और 40 लाख रुपये प्रतिदिन। संघ को जो अनुदान मिला उसका कुप्रबंधन हुआ है। खातों का उचित तरीके से ऑडिट नहीं किया गया। क्रिकेट पर केवल सात करोड़ रुपये खर्च किए गए। बाकी पैसा कहां जा रहा है।’’
डीडीसीए के चुनाव 13 से 15 दिसंबर तक होने हैं। नतीजे 16 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य और बर्धमान-दुर्गापुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के सांसद आजाद ने जेटली को चुनाव से पहले स्वस्थ बहस के लिए आमंत्रित किया था लेकिन डीडीसीए के मौजूदा अध्यक्ष मंगलवार को इसके लिए नहीं पहुंचे।
जेटली की अगुआई वाले मौजूदा पदाधिकारियों के सत्ता में बने रहने की उम्मीद है लेकिन आजाद को बदलाव की लहर नजर आ रही है। चुनाव में कुल 3748 सदस्यों के मतदान करने की उम्मीद है।
आजाद ने कहा, ‘‘परिवर्तन निरंतर होता है। यदि कोई परिवर्तन नहीं है तो जीवन में कुछ भी नहीं है। मुझे पूरा भरोसा है। लोग परिवर्तन चाहते हैं और यह परिवर्तन आने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रोहन मेरे बेटे जैसा है। मैं चाहता था कि वह आए और डीडीसीए को परेशान करने वाले विभिन्न मुद्दों पर एक स्वस्थ बहस करे। डीडीसीए के सदस्यों को लंबे समय से उनके उचित दर्जे से वंचित रखा गया है। दिल्ली के अन्य सभी क्लबों में उचित सुविधाएं हैं लेकिन डीडीसीए के पास नहीं है और यही कारण है कि सदस्य वहां नहीं जाना चाहते।’’
इस पूर्व क्रिकेटर ने यह भी आरोप लगाया कि डीडीसीए ने फ्लडलाइट लगाने पर 17.5 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि अहमदाबाद में इससे बहुत बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम ने साढ़े सात करोड़ रुपये में यही काम किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीडीसीए 19 करोड़ रुपये में आठ लिफ्ट लगा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां कोई स्वीमिंग पूल, कोई बैडमिंटन कोर्ट, कोई बार या लाउंज नहीं है। सदस्य इससे बेहतर के हकदार हैं।’’
क्रिकेट के मामलों पर उन्होंने रणजी ट्रॉफी के नवीनतम सत्र के लिए 84 संभावित खिलाड़ियों को चुनने के तर्क पर सवाल उठाया।
आजाद ने कहा, ‘‘84 खिलाड़ियों में से 34 खेले। 30 सदस्यीय टीम अंडर-19 प्रतियोगिता के लिए गई। क्या आपने ऐसा कहीं सुना है? टीम में आमतौर पर 15 खिलाड़ी होते हैं।’’
अगर सत्ता में आए तो आजाद ने शहर में नौ अकादमियां खोलने का वादा किया ताकि अधिक प्रतिभाएं सामने आ सकें।
भाषा सुधीर आनन्द
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