एक्सेलसेन, आन से-यंग ने इंडिया ओपन बैडमिंटन के चैंपियन बने

एक्सेलसेन, आन से-यंग ने इंडिया ओपन बैडमिंटन के चैंपियन बने

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  • Publish Date - January 19, 2025 / 05:56 PM IST,
    Updated On - January 19, 2025 / 05:56 PM IST

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसेन और आन से-यंग ने रविवार को यहां इंडिया ओपन सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट में एकतरफा फाइनल में शानदार जीत दर्ज करके क्रमश: पुरुष और महिला एकल  का खिताब हासिल किया।

इससे पहले 2017 और 2019 में भी यहां चैम्पियन रहे एक्सेलसेन ने पुरुष एकल में पिछले साल के उपविजेता हांगकांग के ली चेउक यियू को 21-16 21-8 से हराया।

दो बार के विश्व चैंपियन एक्सेलसेन ने पिछले सप्ताह मलेशिया ओपन सुपर 1000 के शुरुआती दौर में इस प्रतिद्वंद्वी से मिली शिकस्त की निराशा को पीछे छोड़ दिया।

महिला एकल में आन से-यंग ने टूर्नामेंट में अपना प्रभावशाली खेल जारी रखते हुए पी चोचुवोंग को आसानी से 21-12, 21-9 से हरा दिया।

गोह सेज फेई और नूर इजुद्दीन की मलेशिया की पुरुष जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में किम वोन हो और सियो सेउंग जे की कोरियाई जोड़ी को 21-15,13-21, 21-16 से हराया । मलेशिया की इस जोड़ी ने सेमीफाइनल में भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को पराजित किया था।

महिला युगल के फाइनल में जापान की अरिसा इगाराशी और अयाको सकुरामोतो ने दक्षिण कोरिया की किम हये जांग और कोंग ही यंग को 21-15, 21-13 से हराया।

चीन के जियांग जेन बैंग और वेई या शिन की मिश्रित युगल जोड़ी ने थॉम गिक्वेल और डेल्फिन डेलरू की जोड़ी को 21-18 21-17 से हराकर खिताब अपने नाम किया।

पिछले सत्र के उपविजता ली लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचने के बावजूद खिताब जीतने का सपना पूरा नहीं कर सके।

हांगकांग ओपन (2019) के इस चैम्पियन ने पहले गेम में 6-3 की बढ़त के साथ अच्छी शुरुआत की लेकिन एक्सेलसेन ने वापसी करते हुए ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बना ली।

ली ने इसके बाद संघर्ष करना जारी रखा लेकिन एक्सेलसेन की बराबरी नहीं कर सके। ऐक्सेलसेन ने पांच गेम प्वाइंट हासिल किये और ली का शॉट कोर्ट से बाहर जाने के साथ ही उन्होंने पहले गेम को जीत लिया।

एक्सेलसेन ने दूसरे गेम में भी अपना दबदबा जारी रखा। उन्होंने लगातार नौ अंक जुटाते हुए 10-6 की बढ़त को 19-6 में बदलकर ली के आत्मविश्वास को तोड़ते हुए आसानी से इस गेम को जीतकर मैच और खिताब जीत लिया।

भाषा आनन्द आनन्द सुधीर

सुधीर