बीएफआई के सत्ता संघर्ष के बीच असम की मुक्केबाजों ने महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जगह बनाई |

बीएफआई के सत्ता संघर्ष के बीच असम की मुक्केबाजों ने महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जगह बनाई

बीएफआई के सत्ता संघर्ष के बीच असम की मुक्केबाजों ने महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जगह बनाई

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Modified Date: March 21, 2025 / 10:42 PM IST
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Published Date: March 21, 2025 10:42 pm IST

… अपराजिता उपाध्याय …

ग्रेटर नोएडा, 21 मार्च (भाषा) असम के पांच मुक्केबाजों और एक कोच ने अपनी राज्य इकाई के निर्देशों की अवहेलना करते हुए शुक्रवार को यहां शुरू हुई महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में जगह बना ली जबकि बिहार और मध्य प्रदेश की टीमों ने टूर्नामेंट का बहिष्कार किया। चुनावों से पहले भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के अंदरूनी कलह के कारण यह आयोजन पहले ही संघर्ष का मैदान बन चुका है। कई सदस्य राज्य संघों के पदाधिकारियों ने अपने मुक्केबाजों को भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) द्वारा अनुमोदित इस आयोजन में भाग लेने से रोक दिया है, जिसे पिछले साल से कई बार स्थगित किया जा चुका है। इनमें असम भी शामिल है, जिसने तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन सहित अपने मुक्केबाजों को इस आयोजन से बाहर रहने के लिए मजबूर किया है। असम ओलंपिक संघ ने हस्तक्षेप करते हुए पांच मुक्केबाजों सहित छह सदस्यीय टीम भेजी। टीम के साथ यात्रा करने वाले असम के कोच दिगंत नाथ ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘यह मुक्केबाजों करियर से जुड़ा मामला है। असम में, हर जगह अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में यह बात छपी कि सचिव ने यहां नहीं आने को कहा है’’ असम ने मूल रूप से बोरगोहेन सहित नौ मुक्केबाजों को पंजीकृत किया था, लेकिन बाद में उन्होंने नाम वापस ले लिया। यहां प्रतिस्पर्धा करने वाले पांच मुक्केबाज मूल सूची में नहीं थे, लेकिन अब उन्हें राष्ट्रीय शिविर में जगह बनाने का अवसर मिला है। इस चैंपियनशिप में प्रत्येक भार वर्ग से शीर्ष तीन मुक्केबाज राष्ट्रीय शिविर में जाएंगे। असम के साथ पूर्वोत्तर के एक अन्य राज्य के मुक्केबाजों और अधिकारियों को भी दूर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। राज्य के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘(राज्य इकाई के) अध्यक्ष ने हमें कई बार चुनावों के कारण यहां नहीं आने के लिए कहा। मैंने उनसे कहा कि कृपया मुक्केबाजों का भविष्य खराब न करें। उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अध्यक्ष ने कहा कि वे शक्तिहीन हैं, क्योंकि उन पर भी दबाव डाला जा रहा है।’’ भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने इन मुक्केबाजों की यात्रा और आवास का खर्च उठाने के लिए कदम उठाया है। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह, दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन, ओलंपियन सरिता देवी और मनोज कुमार मुक्केबाजों का उत्साहवर्धन करने के लिए कार्यक्रम के पहले दिन मौजूद थे। प्रतियोगिता की बात करें तो मौजूदा लाइट फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) चैंपियन अनामिका हुड्डा ने दूसरे चरण में सिक्किम की प्रवा गजनीर को हराकर अपने खिताब के बचाव का अभियान शुरू किया। दिन के अन्य प्रमुख मुकाबलों में, महाराष्ट्र की देविका घोरपड़े ने 48-51 किग्रा वर्ग में ऑल इंडिया पुलिस (एआईपी) की पूनम बिष्ट पर सर्वसम्मति से जीत हासिल की, जिसमें उन्होंने सभी दौर में तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई। हरियाणा की तमन्ना ने भी उतना ही प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए दूसरे दौर में केरल की निसी लेसी थम्पी के खिलाफ में नॉकआउट जीत हासिल की। हरियाणा की प्रिया ने 54-57 किग्रा वर्ग में सर्वसम्मति से प्रीति (एआईपी) को हराया। भाषा आनन्द आनन्द

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)