बेनोनी (दक्षिण अफ्रीका), पांच नवंबर (भाषा) अफ्रीका क्रिकेट संघ (एसीए) ने एक समय लोकप्रिय रहे एफ्रो-एशिया कप को लगभग दो दशक बाद फिर शुरू करने को लेकर एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत शुरू की है।
इस टूर्नामेंट में दोनों महाद्वीप की टीमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलती हैं।
एफ्रो-एशिया कप का अब तक दो बार आयोजन हुआ है। यह टूर्नामेंट 2005 में दक्षिण अफ्रीका (ड्रॉ रहा) जबकि 2007 में भारत (एशिया जीता) में आयोजित किया गया।
तीसरे सत्र का आयोजन 2009 में कीनिया में होना था लेकिन यह कभी नहीं हो पाया।
एसीए के अंतरिम अध्यक्ष और जिंबाब्वे क्रिकेट के अध्यक्ष तावेंग्वा मुकुहलानी के हवाले से ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ ने कहा, ‘‘क्रिकेट के अलावा एफ्रो-एशिया कप संगठन के लिए बहुत जरूरी वित्तीय राशि लाता है और दोनों तरफ इसके लिए बहुत अधिक इच्छाशक्ति है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने एशिया क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अपने समकक्षों और जाहिर तौर पर हमारे अफ्रीकी महाद्वीप के संघों के साथ बातचीत की है। वे चाहते हैं कि एफ्रो-एशिया कप को फिर से शुरू किया जाए।’’
एसीसी ने अब तक इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
वर्ष 2005 में एशियाई टीम की अगुआई पाकिस्तान के कप्तान इंजमाम उल हक ने की थी और इसमें राहुल द्रविड़, आशीष नेहरा और अनिल कुंबले जैसे भारतीय खिलाड़ियों को जगह मिली थी।
एशिया की 2007 की टीम में महेंद्र सिंह धोनी, सौरव गांगुली, हरभजन सिंह, जहीर खान, युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद यूसुफ और शोएब अख्तर ने किया था।
एसीए साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर अफ्रीका प्रीमियर लीग के आयोजन पर भी विचार कर रहा है।
भाषा सुधीर आनन्द
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