सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश के आरोपी ने की सिमी कार्यकर्ताओं के परिवारों की मदद : एटीएस

सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश के आरोपी ने की सिमी कार्यकर्ताओं के परिवारों की मदद : एटीएस

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  • Publish Date - July 8, 2024 / 06:50 PM IST,
    Updated On - July 8, 2024 / 06:50 PM IST

भोपाल (मप्र), आठ जुलाई (भाषा) सुरक्षा बलों पर अकेले हमला करने की साजिश रचने के आरोप में खंडवा से गिरफ्तार एक मोटर मैकेनिक वर्ष 2016 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए प्रतिबंधित स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ कार्यकर्ताओं के परिवारों की कथित रूप से मदद कर रहा था। मध्यप्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एटीएस ने इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और इस्लामिक स्टेट (आईएस) की कट्टरपंथी विचारधारा से कथित तौर पर बेहद प्रभावित फैजान शेख को खंडवा से पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था।

सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर का रहने वाला शेख पेशे से मोटर मैकेनिक है।

एटीएस के महानिरीक्षक डॉ. आशीष ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया, ‘शेख, पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए सिमी कार्यकर्ताओं के परिवारों को एकजुट कर रहा था और उनकी मदद कर रहा था। उसने खंडवा में पुलिस कर्मियों पर अकेले हमला करने की तैयारी के लिए हालात का जायजा भी लिया था।’

उन्होंने बताया कि आरोपी को चार जुलाई को गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था और पांच दिनों के लिए एटीएस की हिरासत में भेज दिया गया था।

एटीएस महानिरीक्षक के मुताबिक, शेख आईएम और आईएस की कट्टरपंथी विचारधारा से कथित तौर पर अत्यधिक प्रभावित था।

उन्होंने बताया कि एटीएस ने शेख के पास से चार मोबाइल फोन, एक पिस्तौल और जिंदा कारतूसों के साथ ही लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, आईएम और आईएस का साहित्य और वीडियो बरामद किए।

एटीएस सूत्रों के मुताबिक शेख खुद को आईएम के सह-संस्थापक यासीन भटकल और जेल में बंद सिमी और आईएम के कार्यकर्ता अबू फैजल उर्फ डॉक्टर से बड़ा साबित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों पर कथित रूप से अकेले हमला करने के लिए हथियार और गोला-बारूद हासिल करने के लिए बेताब था।

सूत्रों ने बताया कि शेख कथित तौर पर मध्यप्रदेश के बाहर के अवैध बंदूक विक्रेताओं और सिमी कार्यकर्ताओं के संपर्क में था।

उन्होंने बताया कि सिमी के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में रहने के कारण वह एटीएस के रडार पर चल रहा था।

भाषा हर्ष जितेंद्र

जितेंद्र