छतरपुर थाने पर हमले के मुख्य आरोपी को मध्यप्रदेश पुलिस ने किया गिरफ्तार

छतरपुर थाने पर हमले के मुख्य आरोपी को मध्यप्रदेश पुलिस ने किया गिरफ्तार

  •  
  • Publish Date - August 27, 2024 / 06:32 PM IST,
    Updated On - August 27, 2024 / 06:32 PM IST

भोपाल, 27 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश पुलिस ने मंगलवार को एक हिंदू संत के खिलाफ छतरपुर में प्रदर्शन के दौरान थाने पर पथराव की घटना के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने अली के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ जारी किया था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह देश छोड़कर भाग न जाए। स्थानीय प्रशासन ने बिना अनुमति के बनाए गए उसके आलीशान घर को भी ढ़हा दिया।

हिंदू संत रामगिरी महाराज ने महाराष्ट्र के नासिक जिले में सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान कथित तौर पर इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

इसके बाद, धार्मिक नेताओं के नेतृत्व में करीब 300-400 लोग 21 अगस्त को कोतवाली थाने पहुंचे थे और रामगिरी महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा था। पैगंबर के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में पहले से ही उनके खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज हैं।

बताया गया कि भीड़ अचानक आक्रामक हो गई थी और पथराव शुरू कर दिया था।

छतरपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अगम जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि 21 अगस्त की घटना के मुख्य आरोपी अली को दिन में छतरपुर से गिरफ्तार किया गया और उसे अदालत में पेश करने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जैन ने कहा कि अली का आपराधिक रिकॉर्ड है और उसके खिलाफ 1988 से हत्या और हथियार कानून के तहत अपराध सहित छह मामले दर्ज हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशासन अली के खिलाफ दर्ज अवैध अतिक्रमण की शिकायतों की भी जांच कर रहा है।

जैन ने कहा कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घटना के बाद अली कहां रहा था और उसका सोशल मीडिया अकाउंट कौन संभाल रहा था।

उन्होंने कहा कि अन्य फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।

अधिकारियों ने पहले कहा था कि हिंसा के सिलसिले में कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत 46 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अली के घर को गिराए जाने की निंदा की और प्रशासन के इस कृत्य को ‘बुलडोजर न्याय’ करार दिया।

भाषा दिमो राजकुमार

राजकुमार