मप्र के सहकारी दुग्ध संघों का संचालन एनडीडीबी को सौंपा जाएगा, विरोध में उतरी कांग्रेस

मप्र के सहकारी दुग्ध संघों का संचालन एनडीडीबी को सौंपा जाएगा, विरोध में उतरी कांग्रेस

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  • Publish Date - September 11, 2024 / 03:52 PM IST,
    Updated On - September 11, 2024 / 03:52 PM IST

भोपाल, 11 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने ‘‘मध्यप्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन’’ और इससे संबद्ध दुग्ध संघों का संचालन अगले पांच साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने के लिए अपनी सहमति दे दी है।

यह निर्णय भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक के दौरान किया गया। बैठक में एनडीडीबी और केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे।

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इस कदम का विरोध करते हुए दावा किया कि यह गुजरात की सहकारी डेयरी ‘‘अमूल’’ द्वारा मध्यप्रदेश के दूध ब्रांड ‘‘सांची’’ को अपने कब्जे में लेने के लिए ‘पिछले दरवाजे से किया गया प्रयास’’ है।

आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया,‘‘बैठक में मध्यप्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और इससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन अगले पांच वर्ष के लिए एनडीडीबी द्वारा किए जाने पर सहमति बनी। इसके लिए आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करके विधिसंगत कार्यवाही की जाएगी।’

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि बैठक में प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाकर किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए एनडीडीबी को दायित्व देने पर सहमति बनी है और यदि आवश्यक हुआ, तो इस काम के लिए सहकारिता अधिनियम में संशोधन भी किया जाएगा।

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए बुधवार को ‘‘एक्स’’ पर कहा,’जैसे सांची मध्यप्रदेश का ब्रांड है, वैसे ही अमूल गुजरात का ब्रांड है। पिछले दरवाजे से सांची पर कब्जा किया जा रहा है। अमूल काफी समय से मध्यप्रदेश में अपना विस्तार करना चाह रहा था। उसने बड़ा संयंत्र भी स्थापित किया, लेकिन रास्ता नहीं मिल रहा था। मध्यप्रदेश सरकार, मत घुटने टेकिए।’’

मुख्यमंत्री यादव ने मंगलवार को हुई बैठक में कहा कि देश में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है।

यादव ने कहा,‘‘मध्यप्रदेश में प्रतिदिन 5.50 करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन हो रहा है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। जहां देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम प्रतिदिन दूध की उपलब्धता है, वहीं मध्यप्रदेश में यह प्रति व्यक्ति 644 ग्राम प्रतिदिन के स्तर पर है।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्ष में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है।

भाषा हर्ष जितेंद्र

जितेंद्र