छतरपुर में घर को ढहाए जाने के मामले में कांग्रेस नेताओं ने मध्य प्रदेश के डीजीपी से मुलाकात की

छतरपुर में घर को ढहाए जाने के मामले में कांग्रेस नेताओं ने मध्य प्रदेश के डीजीपी से मुलाकात की

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  • Publish Date - August 24, 2024 / 11:10 PM IST,
    Updated On - August 24, 2024 / 11:10 PM IST

भोपाल, 24 अगस्त (भाषा) कांग्रेस के नेताओं ने शनिवार को मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें ‘बुलडोजर न्याय’ की ‘प्रवृत्ति’ की निंदा की गई है।

पार्टी ने यह टिप्पणी छतरपुर जिले में एक हिंदू संत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कथित तौर पर शामिल एक व्यक्ति के घर को ढहाए जाने के संबंध में की है।

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने कहा कि अगर राज्य सरकार इस तरह की प्रथाओं को नहीं रोकती है तो वह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

विपक्षी दल का यह बयान बृहस्पतिवार को शहजाद अली नामक व्यक्ति के घर को ढहाए जाने के बाद आया है।

इससे एक दिन पहले रामगिरी महाराज द्वारा की गई कथित इस्लाम विरोधी टिप्पणी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें भीड़ ने पथराव किया और वाहनों को नुकसान पहुंचाया। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

एक अधिकारी ने कहा, ‘कोतवाली थाने की सीमा के अंतर्गत शहजाद अली का घर गिरा दिया गया। हमने बुधवार को हुई हिंसा के लिए 150 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। हमने 46 लोगों को नामजद किया था।’

पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रशासन को सेवा नियमों का पालन करना चाहिए।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘अगर पुलिस न्यायाधीशों और अदालतों का काम करेगी, तो कानून कैसे बचेगा? छतरपुर की घटना राजनीतिक या सामाजिक नहीं है। यह अन्याय है। मुख्य मुद्दा संविधान की रक्षा करना है।’

पटवारी ने दावा किया कि भिंड, मुरैना, सागर और ग्वालियर में पहले भी कई घर गिराए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘बुलडोजर से घर गिराने की यह क्या प्रवृत्ति है? अगर मध्य प्रदेश सरकार हमारी बात नहीं सुनती है, तो हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।’

पटवारी ने कहा कि कांग्रेस ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ संवैधानिक कार्रवाई का कभी विरोध नहीं किया, लेकिन शांति की बात करके आतंक पैदा करना अच्छी परंपरा नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘(अपराध में) दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन संविधान और अदालतों का उल्लंघन करके नहीं।’

भाषा दिमो नोमान

नोमान