online Satta king: सट्टेबाज हो जाएं सावधान! सट्टा लगाने से पहले जान लें सरकार का ये नियम…
Rajkot satta king ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धड़ल्ले से चल रही सट्टेबाजी पर रोक लगाएगी सरकार। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
Rajkot satta king
Rajkot satta king: नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धड़ल्ले से चल रही सट्टेबाजी पर रोक लगाएगी सरकार। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। सरकार ने भारत में सक्रिय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए सोमवार को एक मसौदा संशोधन पेश किया और एक स्व-नियामकीय निकाय बनाने का प्रावधान रखा। इसके तहत कंपनियों को खेल के नतीजों पर सट्टा लगाने की इजाजत नहीं होगी। सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में संशोधन के लिए पेश इस मसौदे में प्रावधान है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को गेम खेलने वाले लोगों का सत्यापन करने के साथ ही उन्हें गेमिंग की लत एवं वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए भी उपाय उठाए जाएंगे।
एसआरओ करेंगे गेम की जांच पड़ताल
गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर पर ऐसे कई मोबाइल या आनलाइन गेम मौजूद हैं, जो यूजर को सट्टा/जुआ खेलने का लालच देते हैं। अक्सर लोग सट्टेबाजी में अपनी मेहनत की कमाई हार जाते हैं, मगर किसी से शिकायत नहीं कर पाते। इसका कारण यह है कि आनलाइन गेमिंग या आनलाइन सट्टेबाजी के लिए देश में किसी तरह के नियम नहीं हैं। इसी वजह से कुछ आनलाइन गेमिंग कंपनियां लाखों-करोड़ों जीतने का सपना दिखाकर लोगों को लूट रही हैं। इस बारे में अब सरकार ने सख्ती दिखाई है।
जानें क्या कहता है सरकार ये नियम
- अब नए नियम में ‘गेम आफ चांस’ यानी पैसे जीतने या हारने वाले खेल को बंद करने के लिए एक खास कमेटी बनाई जाएगी। कौन-सा गेम चलता रहेगा और कौन-सा गेम देश में प्रतिबंधित होगा, इस बारे में निर्णय एसआरओ लेगा।
- नए नियम के दायरे में सभी आनलाइन गेमिंग कंपनियां आएंगी। सेल्फ रेगुलेटरी आर्गेनाइजेशन (एसआरओ) आनलाइन गेम की जांच-पड़ताल करेगा। इस संगठन में केवल गेमिंग से जुड़े लोग ही नहीं, बल्कि मनोचिकित्सक, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद आदि भी शामिल होंगे। आनलाइन गेमिंग से जुड़े यूजर्स चाहें, तो एसआरओ के पास अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। यह एक तरह से आनलाइन गेमिंग के लिए सेंसर बोर्ड की तरह काम करेगा।
- नए नियम के तहत केवाइसी अनिवार्य कर दिया गया है, खास कर ऐसे आनलाइन गेम के लिए, जिसमें यूजर्स से पैसा लिया जाता है या फिर गेम से पैसा जुड़ा हुआ है। यदि किसी गेम को एसआरओ से अनुमति नहीं मिली है, तो फिर उसे गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से हटाया भी जा सकता है।
गेमिंग से हो सकते हैं कई नुकसान
- फ्री वर्जन वाले गेम से मालवेयर और वायरस का खतरा।
- साइबर क्रिमिनल कर सकते हैं आइडेंटिटी की चोरी।
- गेम के लिए समान लागइन और पासवर्ड का उपयोग करते हैं तो हो सकती है इसकी चोरी।
- फ्री गेम एप से हैकर्स कर सकते हैं डेटा की चोरी।
- चैटिंग के दौरान फिशिंग ईमेल से लुभाने की होती है कोशिश।
- डाटा का उपयोग साइबर बुलिंग के लिए किया जा सकता है।

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