जयपुर: Mukhyamantri Mangla Pashu Bima Yojana देश के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। किसान से लेकर युवा तक सभी वर्गों के लिए कई तरह की योजना की शुरुआत की है। केंद्र सरकार ऐसे कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं जिससे गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर लागों की मदद हुई और उनके सम्मान में इजाफा हुआ। वहीं अब कई राज्य की सरकार भी कमजोर लोगों के लिए काम कर रही है। इसी बीच राजस्थान सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना लाने जा रही है। इस योजना के तहत पशुपालकों सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलेगी।
Mukhyamantri Mangla Pashu Bima Yojana राजस्थान के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्व है। पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य में 250 करोड़ रूपए के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा। दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं को शामिल कर मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू होगी, गौवंश के लिए आवारा शब्द का नहीं होगा प्रयोग, निराश्रित लिखा जाएगा।
मंत्री जोराराम कुमावत ने आगे कहा कि सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना की अनुदान राशि को बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाएगा। प्रदेश में पशु चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए 125 चिकित्सकों तथा 525 पशुधन सहायकों के नए पदों का सृजन किया जाएगा। 500 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उप केन्द्र खोले जाएंगे। साथ ही, 100 पशु चिकित्सा उप केन्द्रों को पशु चिकित्सालय, 50 पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय तथा 25 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों को पॉली क्लिनिक में क्रमोन्नत किया जाएगा।
मंत्री जोराराम कुमावत ने विभाग में भर्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई 900 पशु चिकित्सकों की भर्ती का कानूनी तरीके से सुप्रीम कोर्ट से निस्तारण करवाया। अब हाई कोर्ट से भी कानूनी तरीके से निस्तारण करवाकर नियुक्ति दी जाएगी। इसके बाद चिकित्सकों के 619 पदों पर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि पशु परिचर के 5934 पदों के लिए जनवरी, 2024 में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। कुमावत ने कहा कि राज्य में ऊंटों को बढ़ावा देने के लिए हमारी पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई ऊष्ट्र संरक्षण योजना के तहत ऊंटपालकों को दी जाने वाली सहायता राशि 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 20 हजार रूपए की गई है। बजट में गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना शुरू कर पहले चरण में लगभग 5 लाख गोपालक परिवारों को 1 लाख रूपए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।