Samvida Karmchari Niymitikaran: इस सरकारी विभाग के संविदा कर्मियों को मिली संजीवनी.. नहीं जाएगी नौकरी.. मंत्री का ऐलान ‘सेवा जारी रखेंगे’

सोमवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में पहुंचे संविदा कर्मचारी समायोजित किए जाने की मांग को लेकर उप मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पहुंच गए थे।

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  • Publish Date - July 25, 2024 / 08:56 PM IST,
    Updated On - July 25, 2024 / 08:56 PM IST

Swasthya Vibhag Samvida Karmchari Niymitikaran Final Order : लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर यह बड़ा फैसला किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला यह है कि कोविड महामारी के दौरान ठेके यानि संविदा पर रखे गए सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। उत्तर प्रदेश के हजारों संविदाकर्मियों को उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले का फायदा मिलेगा।

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उत्तर प्रदेश सरकार समायोजित करेगी संविदा कर्मचारियों को

Swasthya Vibhag Samvida Karmchari Niymitikaran Final Order: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड के दौरान संविदा पर भर्ती किए गए सरकारी कर्मचारियों को समायोजित करने का फैसला किया है। इस फैसले में तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश में कोविड महामारी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में संविदा पर भर्ती किए गए 2,200 कर्मचारियों को नहीं निकाला जाएगा। उन्हें एनएचएम, उत्तर प्रदेश के दूसरे स्वास्थ्य कार्यक्रमों में समायोजित किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर सोमवार को एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए। ऐसे में अब इन संविदा कर्मियों को बड़ी राहत मिल गई है। वह
यथावत कार्य करते रहेंगे।

Samvida karmchari niyamitikaran samachar

उपमुख्यमंत्री से मिले कर्मचारी

Swasthya Vibhag Samvida Karmchari Niymitikaran Final Order :  सोमवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में पहुंचे संविदा कर्मचारी समायोजित किए जाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के सरकारी आवास पहुंच गए थे। भारी संख्या में मौजूद कर्मचारियों को पुलिस ने किसी तरह मशक्कत कर गेट पर रोका। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री आवास से बाहर आए और उन्होंने कर्मचारियों की मांग को सुना। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय कुल 7,200 संविदा कर्मचारियों को भर्ती किया गया था और जरूरत के अनुसार 5,500 कर्मियों को एनएचएम के दूसरे कार्यक्रमों में समायोजित किया गया है। बाकी बचे कर्मचारियों को भी समायोजित किया जाएगा। किसी भी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं निकाला जाएगा। सरकार पूरी तरह आपके साथ खड़ी है।

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सम्मानजनक वेतन की मांग

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मेरठ सहित अन्य जिलों में कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। अगले महीने से उन्हें मानदेय भी नहीं दिया जाएगा। आउटसोर्सिंग कंपनियों को फायदा पहुंचाने की बजाय संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन दिया जाए। उप मुख्यमंत्री का आश्वासन मिलने के बाद संविदा कर्मचारी शांत हुए। प्रदर्शन में डॉ. स्वप्निल, योगेश पांडेय, आकांक्षा पाल, हरिओम द्विवेदी व विपिन शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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