नयी दिल्ली: action plan for implementation of National Menstrual Hygiene Policy केंद्र ने राज्यों से स्कूली लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के वास्ते कार्ययोजना प्रस्तुत करने का आग्रह किया है, ताकि सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कम लागत वाले स्वच्छता उत्पादों और लैंगिक-संवेदनशील स्वच्छता सुविधाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित हो सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र तब भेजा है जब 12 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश की विशिष्ट आवश्यकताओं और संदर्भों के अनुरूप नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए व्यापक कार्ययोजना की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने पिछले महीने शीर्ष अदालत को ‘स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता नीति’ के बारे में जानकारी दी थी, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो नवंबर को मंजूरी दी थी।
नीति का उद्देश्य सरकार की स्कूल प्रणाली में मासिक धर्म स्वच्छता को मुख्यधारा में लाना है, ताकि स्कूली छात्राओं के बीच ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सके, तथा जागरूकता की कमी की बाधाओं को दूर किया जा सके। यह विद्यालयों में मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों की निरंतर और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तंत्र को सुव्यवस्थित करने की वकालत करता है।
सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए नीति में कहा गया है कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को संसाधनों के कुशल उपयोग के लिए मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों की वास्तविक आवश्यकता का आकलन और अनुमान लगाना चाहिए। राज्य या केंद्र शासित प्रदेश सर्वेक्षण के माध्यम से मूल्यांकन करें ताकि सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लड़कियों को मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों तक नियमित पहुंच मिल सके।
इसके अतिरिक्त, नीति का उद्देश्य अहितकर सामाजिक नियमों को समाप्त करना, सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देना, तथा मासिक धर्म अपशिष्ट का पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन करना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एक ऐसी कार्ययोजना तैयार करने और उसे प्रस्तुत करने को कहा है जिसमें नीति के सभी पहलू शामिल हों तथा इनमें सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की भागीदारी सुनिश्चित हो।
मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी कहा है कि वे सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं को प्रोत्साहन दे और किशोरियों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए संवेदनशीलता और जागरूकता गतिविधियों को प्राथमिकता दे।