PM Vishwakarma Yojana 2025 Online Apply : पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। यह योजना उनकी आजीविका को मजबूत करने, कौशल विकास को बढ़ावा देने और आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। इस लेख में हम इस योजना के उद्देश्य, लाभ, पात्रता और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 16 अगस्त 2023 को इस योजना की शुरुआत की गई। इसके लिए सरकार ने ₹13,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया है, और यह योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक प्रभावी रहेगी। इसका मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने व्यवसाय को विस्तार दे सकें और भारतीय एवं वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकें।
आर्थिक स्थिति में सुधार: वित्तीय सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से कारीगरों की आय बढ़ाना।
कौशल एवं शिल्प को बढ़ावा: पारंपरिक शिल्प और कलाओं का संरक्षण और विकास।
स्व-रोजगार को प्रोत्साहन: आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और व्यवसाय के विस्तार हेतु संसाधन उपलब्ध कराना।
गुणवत्ता सुधार: उत्पादों की गुणवत्ता को बाजार की मांग के अनुसार उन्नत बनाना।
नए अवसरों का निर्माण: कारीगरों के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान कर नए बाजार उपलब्ध कराना।
वित्तीय सहायता: औजारों की खरीद के लिए ₹15,000 का अनुदान।
ब्याज दर पर ऋण: ₹1 लाख से ₹2 लाख तक बिना गारंटी के केवल 5% ब्याज दर पर ऋण।
कौशल विकास: 5-7 दिनों (40 घंटे) का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिनों (120 घंटे) का उन्नत प्रशिक्षण।
प्रशिक्षण भत्ता: प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रति दिन का वजीफा।
डिजिटल प्रोत्साहन: डिजिटल लेनदेन पर प्रति लेनदेन ₹1 (अधिकतम 100 लेनदेन तक)।
प्रमाणन और पहचान: योजना के तहत कारीगरों को प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा।
विपणन सहायता: राष्ट्रीय विपणन समिति द्वारा विपणन, ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स से जुड़ने में सहायता।
इस योजना के तहत 18 पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की श्रेणियां शामिल की गई हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
बढ़ई
नाव निर्माता
लोहार
कुम्हार
मूर्तिकार
जूता कारीगर
धोबी
दर्जी
नाई
खिलौना निर्माता
इसके अलावा, अन्य पारंपरिक कार्यों को भी शामिल किया जा सकता है।
आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
आवेदक को पारंपरिक कारीगर या शिल्पकार होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़ों में आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, और बैंक खाता विवरण अनिवार्य हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन केवल लोक सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से किया जा सकता है।
नजदीकी CSC केंद्र पर जाएं।
आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।
आवेदन जमा होने के बाद पंचायत या नगर पंचायत द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
आवेदन की स्थिति जांचने की प्रक्रिया:
योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।
पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से लॉगिन करें।
आवेदन की स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह पारंपरिक कला और शिल्प के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी। यह कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी और उनकी कला को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का अवसर प्रदान करेगी।
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Official website | https://pmvishwakarma.gov.in/ |
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पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना उन्हें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, और विपणन के माध्यम से उनके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर देती है। यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और इसका लाभ उठाएं।
इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपनी पंचायत या नगर पंचायत से संपर्क करें।
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