Mukhyamantri Yuva Swarojagar Yojana: रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया और इसका क्रियान्वयन करने ऐसी अनेक जनहितकारी योजनाएं बनाई गई जिसने किसानों, महिलाओं और युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से लाभान्वित किया।
राज्य में आर्थिक एवं सामाजिक समृद्धि हेतु यह आवश्यक है कि राज्य का युवा वर्ग आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी हो, आत्मनिर्भर हो, उनकी कार्य क्षमता का पूर्ण उपयोग हो, योग्यता के अनुरूप उनका स्व-उद्यम स्थापित हो, ताकि राज्य के युवा वर्ग की समग्र शक्ति का लाभ राज्य को प्राप्त हो सके। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना शुरू की है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत फुटकर व्यवसाय शुरू करने वाले युवक-युवतियों को प्रदान किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को विर्निमाण क्षेत्र में अधिकतम राशि 25 लाख रुपए एवं सेवा क्षेत्र में अधिकतम राशि 10 लाख रुपए एवं व्यवसाय क्षेत्र में अधिकतम 2 लाख रुपए तक की राशि वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार की तरफ से मिलने वाला ऋण, लाभार्थी के सीधे बैंक खाते में जाएगा। जिसकी मदद से पात्र लाभार्थी अपनी रुचि व पसंद का व्यवसाय शुरू कर सकता है। पात्रता रखने वाले इच्छुक युवक-युवतियां कार्यालय, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र पहुंचकर निःशुल्क निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
—राज्य के युवा वर्ग को स्वरोजगार के रूप में उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय स्थापित करने में समग्र सहायता (वित्तीय सहायता गारंटी, प्रशिक्षण व अनुसरण) उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी योग्यता एवं कार्यक्षमता के अनुरूप उनके स्वयं के उद्यम स्थापित करने में सुगमता सहजता एवं सबलता प्राप्त हो ताकि वे राज्य की आर्थिक प्रगति में स्वयं की हिस्सेदारी महसूस करते हुये योगदान दे सके।
—राज्य की युवा शक्ति को स्व-उद्यम की ओर प्रेरित कर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना।
—ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की उपभोक्ता संबंधी आवश्यकता की पूर्ति इन्हीं क्षेत्रों से करने बाबत सकारात्मक वातावरण तैयार करना।
कृषि संबंधी सहायक उद्योग-धंधों का विकास करना।
Mukhyamantri Yuva Swarojagar Yojana: इसके लिए आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और आयु 18 से 35 वर्ष (आरक्षित वर्ग के लिए 05 वर्ष की छूट) रहेगी। इसके साथ आवेदक छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए और परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा भारत/राज्य शासन के योजनांतर्गत पूर्व में अनुदान का लाभ न लिया हो। ऐसे आवेदक आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित कार्यालय से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन हेतु निम्नानुसार प्रक्रिया अपनायी जायेगी
— आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में आवश्यक सहपत्रों सहित प्रस्तुत किया जायेगा। आवेदन पत्र निःशुल्क होगा।
— प्राप्त सभी आवेदन पंजीबद्ध किये जायेंगे। अपूर्ण आवेदन पूर्ण करने हेतु जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा आवेदक को 15 दिवस का समय दिया जायेगा। निर्धारित समयावधि में आवेदन पूर्ण न करने पर आवेदन लौटा दिया जायेगा ।
— आवेदन के साथ प्रस्तावित गतिविधि की प्रोजेक्ट प्रोफाईल (संक्षिप्त परियोजना प्रतिवेदन) भी संलग्न की जायेगी ।
— जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में प्राप्त आवेदन पत्र टास्कफोर्स समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे। टास्कफोर्स समिति आवेदक की योग्यता, अनुभव, तकनीकी योग्यता, कौशल परियोजना की व्यवहार्यता आदि के आधार पर साक्षात्कार उपरांत अनुमोदन प्रदान करेगी। अनुमोदित प्रकरण संबंधित बैंकों को ऋण स्वीकृति हेतु अग्रेषित किये जायेंगे।
— बैंकों / वित्तीय संस्थाओं द्वारा 30 दिवसों के समयावधि में प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा व आवेदक को उसकी सूचना दी जावेगी ।
योजना अंतर्गत स्थापित उद्यम का निरीक्षण जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों द्वारा किया जा सकेगा।
गांव के व्यक्ति सोचते हैं कि शहर में जाकर कुछ बिजनेस करें, लेकिन शहर में बिजनेस के लिए बहुत बड़ी रकम की आवश्यकता पड़ती हैं। शहर में इतनी ज्यादा दुकाने हैं कि वहां जाकर नया बिजनेस शुरू करना व चलाना इतना आसान नहीं होगा। आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि अपना खुद का बिजनेस हो, चाहे वह छोटा सा दुकान क्यो न हो। ऐसी ही एक कहानी है ग्राम गनियारी के सतीश साहू की। सतीश साहू का सपना था कि उनका खुद का दुकान हो और इसी सपने को पूरा करने के लिए उनके परिचित ने उन्हें जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से संपर्क करने की सलाह दी।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों से संपर्क करने पर मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में पता चला। उन्होंने तुरंत कार्यालय में योजनांतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया। जिला स्तरीय टास्कफोर्स समिति की बैठक से अनुमोदन होने के बाद उन्हें बैंक से लोन मिलने लगा। बैंक से दो लाख रुपए का लोन मिलने के बाद उन्होंने एक किराना स्टोर्स की दुकान शुरू की।
सतीश साहू ने बैंक से लोन लेकर गांव में ही किराना स्टोर खोलकर रोजमर्रा की जरूरत के सामानों जैसे राशन, खाने-पीने और अन्य घरेलू जरूरतों के सामान की बिक्री करने लगे। यह ऐसा सामान है जिसकी किसी भी इलाके के सभी घरों को साल भर जरूरत रहती है। इसके साथ ही दुकान को अच्छे से सजाकर रखा एवं बच्चों के आइटम पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने बताया कि दुकान से अच्छी खासी आमदनी होने लगी, जिससे घर का खर्चा एवं बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भी सहायता मिल जाती है। मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेकर गांव में ही रोजगार प्रारंभ कर पा रहे हैं।
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