रायपुर: छत्तीसगढ़ को उनका नया मुख्यमंत्री मिल चुका है। रविवार को भाजपा के विधायक दल की बैठक में चार बार के सांसद और दो बार विधायक रहे विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है। आने वाले 13 दिसंबर को राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में नए सीएम का शपथ ग्रहण समारोह का कार्यक्रम होगा। संभवतः इस दिन ही साय कैबिनेट के नए मंत्री और उप मुख्यमंत्री भी पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते है।
बहरहाल यह तो थी नए मुख्यमंत्री की बात लेकिन हम चर्चा कर रहे है ‘मोदी की गारंटी’ और इस गारंटी में सबसे अहम महिलाओं के लिए घोषित किये गए महतारी वंदन योजना की। महिला मतदाताओं के मन में यह सवाल घूमने लगा है कि आखिर अब कब तक उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकेगा? ऐसा इसलिए क्योंकि कल विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद खुद विष्णुदेव साय ने किसानों के बोनस, आवासहीनों के लिए आवास और मोदी की गारंटी यानी भाजपा की घोषणाओं पर जल्द अमल करने की बात कही। ऐसे में भाजपा के जीत का रास्ता अख्तियार करने वाला महिलाओं का एक बड़ा वर्ग अपने इस सौगात को लेकर प्रतीक्षारत है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कब तक इस योजना से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी होंगी?
दरअसल 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की महिलाओं के कल्याण हेतु आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रायपुर में घोषणा पत्र जारी करते हुए एक नई योजना को शुरू करने की घोषणा की गई थी। जिसका नाम छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना है। बताया गया था कि इस योजना के माध्यम से राज्य की महिलाओं को सरकार द्वारा प्रतिवर्ष आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वह अपने आर्थिक खर्चों को आसानी से पूरा कर सके। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाया जा सकेगा। राज्य की सभी विवाहित महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
गृहमंत्री के ऐलान और भाजपा के संकल्प पत्र के मुताबिक़ भाजपा सरकार बनने पर प्रदेश की सभी विवाहित महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी बनाने के लिए प्रतिमाह 1000 रुपए डायरेक्ट बेनिफिट के तहत उनके खातों में ट्रांसफर किया जाएगा। भाजपा की तरफ से पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने दावा किया था कि चुनाव से पहले ही 86 हजार से ज्यादा महिलाओं ने इस योजना के लिए अपना पंजीयन करा लिया था। हालांकि इस योजना से जुड़े फॉर्म को लेकर राज्य की सियासत में घमासान भी देखा गया था। कांग्रेस ने इसकी शिकायत आयोग से भी की थी।